scriptनागौर के जेएलएन अस्पताल में आग की सूचना पर दौड़े अधिकारी | Officers rushed to JLN Hospital in Nagaur on fire notice | Patrika News

नागौर के जेएलएन अस्पताल में आग की सूचना पर दौड़े अधिकारी

locationनागौरPublished: May 17, 2021 08:30:32 pm

Submitted by:

shyam choudhary

12 मिनट में पहुंचा प्रशासनिक लवाजमा, ड्यूटी में मुस्तैद मिले अधिकारी

Officers rushed to JLN Hospital in Nagaur on fire notice

Officers rushed to JLN Hospital in Nagaur on fire notice

नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल में सोमवार को आग लगने की सूचना पर पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी दौड़ पड़े। इस दौरान अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस, पुलिस के वाहन सहित डिस्कॉम के अधिकारी व ऑक्सीजन सिलेंडर की गाड़ी केवल 12 मिनट में ही पहुंच गए। इसके बाद जब सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे तो पता चला कि चक्रवाती तूफान तौकते की आशंका को लेकर पूर्व तैयारियों की जांच करने के लिए यह मॉक ड्रिल थी।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि चक्रवाती तूफान तौकते की संभावना को देखते हुए जिला स्तर पर की गई व्यापक तैयारियों की रिहर्सल करने के लिए मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान कंट्रोल रूम से समस्त अधिकारियों को जिला मुख्यालय के बड़े अस्पताल में आग लगने की सूचना दी गई। जिस पर अधिकारियों व कार्मिकों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत अपने वाहन व समुचित साधन लेकर टीम सहित जेएलएन अस्पताल पहुंचे। इसके बाद सभी अधिकारियों को बताया गया कि यह एक मॉक ड्रिल थी, जिस पर सभी ने राहत की सांस ली।
सात मिनट के भीतर पहुंची फायर बिग्रेड व एंबुलेंस
मॉक ड्रिल के दौरान सबसे पहले उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी तथा इसके बाद जिला कलक्टर सोनी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी व पुलिस अधीक्षक श्वेता धनखड़ मौके पर पहुंचे। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, फायर बिग्रेड व एंबुलेंस, डिस्कॉम व जलदाय विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
राउंड द क्लॉक रहेगी डिस्कॉम की सर्विस
मॉक ड्रिल के दौरान जिला कलक्टर ने डिस्कॉम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान की आशंका को देखते हुए अस्पताल में पुख्ता व्यवस्था बनाएं रखने तथा कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई में कोई बाधा न आएं, इसके लिए 24 घंटे बिजली की व्यवस्था सुचारू रखनी होगी। इसके लिए अस्पताल परिसर में ही टेंट लगाकर स्टाफ की तैनाती की जाएं। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में बिजली व्यवस्था सुचारू बनाएं रखने के लिए अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की गई।
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