अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार ने बताया कि औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सहायक औषधि नियंत्रक नागौर प्रेमसिंह मीणा को जिले का संपूर्ण प्रभारी बनाया गया है, जिनके मोबाइल नंबर 7727022576 हैं। वहीं औषधि नियंत्रक महेन्द्रसिंह बाजिया (मो. 8290091264, 6376126842) को कुचामन सिटी, नावां, डीडवाना, लाडनूं तथा मूण्डवा में औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। औषधि नियंत्रक अधिकारी सुशीला डूडी (मो.8529546099) को मेड़ता, नागौर, डेगाना तथा रियांबड़ी में औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार औषधि नियंत्रक अधिकारी हंसराज मंडा (9414414055) को परबतसर, मकराना तथा जायल में औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। अन्य उपलब्धता संबंधी सूचना भी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सहायक औषधि नियंत्रक नागौर प्रेमसिंह मीणा को दी गई है।
राजस्थान फॉर्मेसी काउंसिल के नियंत्रण कक्ष से भी मिल रही मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करने तथा कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम को लेकर लोकहित में किए गए लॉकडाउन के दौरान नियमित रूप से दवा लेने वाले मरीजों की समस्याओं के समाधान को लेकर राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के कार्यालय में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया हैं।
यह नियंत्रण कक्ष सुबह साढ़े 9 बजे से शाम को छह बजे तक आमजन की सहायतार्थ खुला रहता है। मरीज नियंत्रण कक्ष के नंबर 0141-2228600 पर संपर्क करेगा तथा जहां से उसे उसके निवास स्थान के निकटत्तम दवा की दुकान/फर्म का मोबाइल नंबर (वाट्सएप) उपलब्ध करवाया जाएगा। उस नंबर पर संबंधित मरीज द्वारा चाही गई दवा का पर्चा भेजने पर वह औषधि विक्रेता उन दवाओं को रोगी के पते पर बिल के साथ वितरित करेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करने तथा कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम को लेकर लोकहित में किए गए लॉकडाउन के दौरान नियमित रूप से दवा लेने वाले मरीजों की समस्याओं के समाधान को लेकर राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के कार्यालय में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया हैं।
यह नियंत्रण कक्ष सुबह साढ़े 9 बजे से शाम को छह बजे तक आमजन की सहायतार्थ खुला रहता है। मरीज नियंत्रण कक्ष के नंबर 0141-2228600 पर संपर्क करेगा तथा जहां से उसे उसके निवास स्थान के निकटत्तम दवा की दुकान/फर्म का मोबाइल नंबर (वाट्सएप) उपलब्ध करवाया जाएगा। उस नंबर पर संबंधित मरीज द्वारा चाही गई दवा का पर्चा भेजने पर वह औषधि विक्रेता उन दवाओं को रोगी के पते पर बिल के साथ वितरित करेगा।