Nagaur Nagar Parishad news
लावारिस जानवरों का आतंक
जिले के महत्वपूर्ण कस्बों व गांवों के लिए यहां से बसों का संचालन होने से बड़ी संख्या में लोगों का यहां आना-जाना रहता है। इन लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं होने से इनको धूप में बसों का इंतजार करना पड़ता है तो कुछ लोग दुकानों के सामने व दीवार की ओट में धूप से बचने का जतन करते नजर आते हैं। ऐसा नहीं है कि अव्यवस्थाओं के लिए केवल प्रशासन ही जिम्मेदार है। यहां के दुकानदार व ठेला चालक भी कहीं न कहीं उतने ही जिम्मेदार है। ठेला चालक व दुकानदार सड़े-गले फल व सब्जी खुले में फेंक देते हैं। जिसकी वजह से लावारिस जानवर इनमें मुंह मारते रहते हैं।
सडक़ के नाम पर कंकड़
शहर के सबसे पुराने बस स्टैण्ड पर वाहनों के प्रवेश के लिए शुल्क तो लागू कर दिया है लेकिन यहां सडक़ के नाम पर केवल कंकड़ है। बस संचालकों का कहना है कि सडक़ के अभाव में कंकड़ों की वजह से बसों के टायर समय से पहले घिस जाते हैं। कई बार दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल तक हो जाते हैं। शहर में अच्छी खासी सडक़ों को फिर से चमकाया जा रहा है जबकि यहां सडक़ बनाए कई बरस हो गए। आलम यह है कि हल्की की बारिश होते ही यहां कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है जिसके कारण यहां पैदल तो दूर वाहन लेकर जाना भी मुश्किल हो जाता है।
आवश्यक सुविधाएं जीरो
मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। रैन बसेरा व शौचालय में शुल्क लिया जाता है। हर साल लाखों का ठेका करते हैं लेकिन सुविधा जीरो है।
हस्तीमल पंवार, दुकानदार
सडक़ के नाम पर कंकड़
ठेकेदार बस प्रवेश के 30 रुपए लेता है लेकिन सुविधा के नाम पर टूटी सडक़ों के बिखरे कंकड़ हैं।
ओमप्रकाश, बस कंडक्टर
लावारिस पशुओं की भरमार
यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। लावारिस जानवर यात्रियों को घायल कर देते हैं। जानवर दिन भर उधम मचाते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
मूलचंद भाटी, दुकानदार
केवल शुल्क लेने पर ध्यान
बस स्टैण्ड पर यात्रियों, बस संचालकों व अन्य के लिए सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। प्रशासन की ओर से केवल शुल्क लिया जा रहा है।
विमलेश अरोड़ा, दुकानदार
जल्द मिलेगी सुविधाएं
बस स्टैण्ड पर सडक़ का निर्माण करने सहित अन्य जरुरी सुविधाएं मुहैया करवाएंगे। लावारिस जानवरों को कांजी हाउस में शिफ्ट करेंगे। रेन बसेरा में रुकने का शुल्क लिया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
जोधाराम विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद नागौर