आदेश सरकार का, शासन खुद का, नहीं करेंगे कार्रवाई...!
परिवहन विभाग ने प्रदेश सरकार के निर्देशों को कर दिया बौना, वाहनों में न तो स्पीड गवर्नर लगे, और न ही, इनकी जांच, फिर भी आंकड़ों में सबकुछ दुरुस्त

नागौर. भारी वाहन हो या फिर जीप अथवा बस, गति इतनी तेज कि सामने से कोई दोपहिया वाहन चालक हो या फिर राहगीर, बचना नामुमकिन...! इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए जाने के प्रावधान बने, और लगवाने के लिए सख्ती से आदेश भी हुए। निगरानी रखे जाने का जिम्मा परिवहन विभाग को मिला, लेकिन जिम्मेदार विभाग के पास निरीक्षकों एवं कर्मचारियों की भारी-भरकम फौज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह से हालात अब और ज्यादा भयावह हो गए हैं। अफसोसजनक स्थिति यह है कि परिवहन विभाग कार्यालय के सामने से ही रोजाना प्रति घंटे 500 से ज्यादा भारी वाहन गुजरते हैं, लेकिन जांच एक भी वाहन की नहीं की जाती।
स्पीड गवर्नर के संबंध में प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों को परिवहन विभाग ने तार-तार कर रख दिया है। जिले में वाहनों की तेज गति जहां हर दूसरे दिन हादसों को लेकर आती है, वहीं घटना होने के बाद भी विभागीय अधिकारी कहीं जांच करते नजर नहीं आते हैं। विभागीय जानकारों के अनुसार परिवहन विभाग एवं वाहन चालकों की कथित रूप से आपसी तालमेल ने सरकार के निर्देशों को बौना कर दिया है। यही वजह है कि वाहन चालकों के वाहनों की न तो गति नियंत्रित है, और न ही किसी प्रावधान की परवाह है। प्रावधानों के तहत स्पीड गवर्नर के साथ ही विंडस्क्रीन पर वाहनों की गति दर्शाने वाला स्टीकर मिलता है, और न ही क्यूआर कोड नजर आता है।
प्रति घंटे ढाई सौ भारी वाहन, जांच एक की भी नहीं
जिले के नागौर, मकराना, कुचामन, परबतसर, डीडवाना, खींवसर, जायल, डेगाना, मौलासर एवं नावां क्षेत्र में एक साल के दौरान परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में स्पीड गवर्नर लगे होने या न लगे होने की कोई जांच नहीं हुई। अनुसार केन्द्रीय बस स्टैंड के पास विजय बल्लभ चौराहा, निजी बस स्टैंड के निकट दिल्ली दरवाजा, बीकानेर-नागौर, बीकानेर-जोधपुर रोड पर प्रति घंटे करीब ढाई सौ भारी वाहनों का आवागमन होता रहता है। जांच किसी की नहीं होती।
इसलिए स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी
परिवहन विभाग के अनुसार बस, ट्रक, डंपर, स्कूल बसों सहित कामर्शियल वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगना जरूरी रहता है। इसके लगने के बाद वाहनों की गति निर्धारित हो जाती है। इसलिए स्पीड गवर्नर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए लगाया जाता है। इस डिवाइस को वाहनों में इंजन के साथ लगाया जाता है। इसके लगने बाद चालक अनियंत्रित गति से वाहन नहीं चला सकता है। इससे छेड़छाड़ होने पर लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।
इनका कहना है...
परिवहन विभाग की ओर से यथासमय नियमानुसार वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाती है।
ओमप्रकाश चौधरी, डीटीओ, नागौर
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