नागौर.
बीएसएनएल की जिले में हाईस्पीड इंटरनेट के साथ बेसिक फोन देने की योजना को मुख्यालय स्तर पर हुई तगड़ा झटका लगा है। मुख्यालय स्तर पर हुई चूक के कारण एनएजीएन में लगने वाले कार्ड पुराने भेज दिए जाने के कारण कार्ड उपयोग में नहीं आ सके। सूत्रों का कहना है कि विशेषज्ञों ने कार्ड पुराने होने के बावजूद इन्हें लगाने के काफी प्रयास किए, लेकिन एनजीएन डिवाइस ने फेल कर दिया। इस डिवाइस ने आउटडेटेड हो चुके कार्डों को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद बीएसएनएल के जिला अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। जिले में उपभोक्ताओं को बेसिक फोन के साथ हाईस्पीड इंटरनेट एवं कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देने के लिए छोटे-बड़े करीब सौ से ज्यादा एक्सचेंजों में एनजीएन डिवाइस लगाई गई। इसके बाद इसमें कार्ड डालकर कनेक्टिविटी चालू करने का
काम होना था। मुख्यालय से आए कार्ड अवधि पार होने से उसे लगाने की काफी कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिली। हालांकि अधिकारिक तौर पर अधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन दबी जुबां उनका कहना था कि जल्द ही कार्ड नहीं लगे तो एनजीएन की डिवाइस भी आउटडेटेड हो सकती है। ऐसा होने पर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचने के साथ ही महत्वपूर्ण योजना भी खतरे में पड़ जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि बीएसएनएल ने इस योजना को लेकर काफी दावे कर उपभोक्ताओं को जोडऩे का काम शुरू किया था। एनजीएन डिवाइस लगने में ही पांच से छह माह लग गए थे। चंडीगढ़ से आए विशेषज्ञ इसकी टेस्टिंग भी कर चुके थे। लेकिन पुराने कार्डों ने योजना ही खटाई में डाल दी।
उपभोक्ताओं को यह मिलता फायदा विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एनजीएन डिवाइस लगने के बाद सेन्ट्रक्स सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। इसमें देश के अलग-अलग शहरों में रहते हुए सीयूजी प्लान की तर्ज पर एक साथ कई कनेक्शन लेकर लगभग नि:शुल्क बात करने के साथ ही वाइफाई कनेक्शन होने पर घर में या आफिस में बेसिक फोन कहीं भी रखा हो, मोबाइल पर आने वाली प्रत्येक कॉल अब बेसिक फोन पर भी अटैंड की जा सकती थी। यही नहीं, बल्कि बीएसएनएल को ब्राडबेंड के साथ ही अब डीस्लिम मशीन लगाने की आवश्यकता ही खत्म हो जाती। पहले ब्राडबेंड कनेक्शन के साथ इसे भी लगाना पड़ता था। डीस्लिम मशीन लगाने की समस्या से छुट्टी मिलने के साथ ही तारों के जाल से भी छुटकारा मिल जाता।
इनका कहना है…एनजीएन डिवाइस में लगने वाले कार्ड मुख्यालय से आउटडेटेड आने के कारण यह सुविधा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाई। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है।
योगेश भास्कर, जिला दूरसंचार प्रबन्धक नागौर