scriptनागौर के पद्मश्री भांभू अब बनेंगे देशभर में पर्यावरण संरक्षण के ‘प्रेरणा स्रोत’ | Padmashree Bhambhu will now become a 'source of inspiration' | Patrika News

नागौर के पद्मश्री भांभू अब बनेंगे देशभर में पर्यावरण संरक्षण के ‘प्रेरणा स्रोत’

locationनागौरPublished: Jan 19, 2022 11:05:17 am

Submitted by:

shyam choudhary

‘ट्री मैन ऑफ राजस्थान पद्मश्री हिम्मताराम भांभू’ के नाम से बनेगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म- भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी किए निर्देश

Padmashree Bhambhu will now become a 'source of inspiration'

Padmashree Bhambhu will now become a ‘source of inspiration’ for environmental protection across the country

नागौर. नागौर के पर्यावरण प्रेमी और पद्मश्री अवार्ड से नवाजे गए हिम्मताराम भांभू की कहानी अब जिले या प्रदेश में नहीं, बल्कि देशभर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए दिखाई जाएगी। विद्यार्थियों के साथ बड़ों को भी हिम्मताराम भांभू द्वारा अपने जीवन काल में पर्यावरण संरक्षण व वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर किए गए कार्यों को एक फिल्म के माध्यम से बताया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म प्रभाग की सहायक प्रशासनिक अधिकारी अम्बिका आर. तर्नेजा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि नागौर के सुखवासी निवासी हिम्मताराम भांभू ने पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीवों की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। भांभू द्वारा किए गए कार्यों के चलते ही उन्हें गत वर्ष 8 नवम्बर को राष्ट्रपति ने पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। भांभू ने पिछले दो साल में न केवल संसद को वर्चुअली संबोधित किया, बल्कि पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के लखनऊ एवं शिमला में आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित कर देश ही नहीं विदेशों तक अपना संदेश पहुंचाया है।
हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषा में तैयार होगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म
पद्मश्री भांभू की जीवनी पर बनने वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म का शीर्षक ‘ट्री मैन ऑफ राजस्थान पद्मश्री हिम्मताराम भांभू’ रखा जाएगा। इसमें पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए कार्यों को बताया जाएगा। करीब आधे घंटे की प्रेरणादायक फिल्म में भांभू द्वारा किए गए कार्यों का भी फिल्मांकन किया जाएगा। खास बात यह है कि फिल्म हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में बनाई जाएगी, जिसके चलते देश के साथ विदेशों में भी इसे देखा व समझा जा सकेगा। फिल्म बनाने के लिए विभाग ने करीब 9 माह का समय दिया है। इसके लिए भारत सरकार ने करीब पौने 3 लाख की राशि स्वीकृत की है। फिल्म मंत्रालय ने पद्म पुरस्कार विजेता कुल 24 व्यक्तियों का चयन किया है, जिसमें राजस्थान से अकेले भांभू ही हैं।
पद्मश्री भांभू ने पर्यावरण संरक्षण में लगा दिया पूरा जीवन
जिले के सुखवासी गांव के साधारण किसान परिवार में जन्मे हिम्मताराम भांभू पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। भांभू ने अपना जीवन पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए समर्पित कर दिया है। भांभू ने न केवल पिछले 35 वर्षों में 5 लाख से अधिक पौधे लगाए, बल्कि उनके द्वारा लगाए गए साढ़े तीन लाख पौधे आज पेड़ बन चुके हैं। भांभू ने नागौर के निकट हरिमा गांव के पास 25 बीघा जमीन खरीदकर उस पर 11 हजार पौधे लगाकर जंगल का रूप दिया है। ताकि लोगों को पर्यावरण का महत्व बता सकें। भाम्भू ने यहां पर्यावरण प्रदर्शनी भी बना रखी है।
वन्य जीवों के लिए खुद लड़ते हैं मुकदमे
भांभू पर्यावरण संरक्षण के साथ वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए भी हर वक्त तैयार रहते हैं। वन विभाग से ज्यादा सक्रिय रहकर शिकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं और कोर्ट में मुकदमे भी खुद के खर्चे से लड़ते हैं। कई बार वन विभाग कार्रवाई से पीछे हट जाता है, लेकिन भांभू डटकर मुकाबला करते हैं।
हिम्मताराम भांभू की उपलब्धियां

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