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रोजी-रोटी की आस से गए परदेश, काल ने लील ली चार जिंदगीयां

locationनागौरPublished: May 10, 2019 06:15:01 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

महाराष्ट्र में पुणे के पुरशंगी इलाके में एक साड़ी की दुकान में भीषण अग्निकांड़ के दौरान हुआ हादसा, चारों युवकों के घरों में छाया मातम, मेवड़ा में एक साथ दो जनों की मौत से छाई शोक की लहर

padukalla

रोजी-रोटी की आस से गए परदेश, काल ने लील ली चार जिंदगीयां

पादूकलां. मारवाड़ से रोजी-रोटी की आस लेकर परेदश गए युवकों की भीषण अग्निकांड में झुलसने से दर्दनाक मौत हो गई। महाराष्ट्र में पुणे के पुरशंगी इलाके में एक साड़ी की दुकान में तडक़े करीब चार बजे शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई जिसमें पांच युवक जिंदा जल गए थे। थी। इनमें से राजस्थान नागौर जिले के पादूकलां थानाक्षेत्र के चार युवकों की भी धुंए के कारण दम घुटने से मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि अग्निकांड़ की तस्वीर को देखकर हर किसी की रूह कांप उठी। इस घटना की सूचना से चारों युवकों के घरों में मातम पसर गया। और गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। पुणे पुलिस द्वारा चारों युवकों का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। पुणे से दो एम्बुलेंस में चारों युवकों के शव दोपहर में उनके गांव घर पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया था। घटना की सूचना से हर कोई स्तम्भ था। मेवड़ा में एक साथ उठी दो अर्थिया और उनकी अंत्येष्टी में शामिल होने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। मेवड़ा गांव में सुबह से लेकर दोपहर तक किसी के घर भी चुल्हा नहीं जला। इस घटना से गमजदा परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधवाने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा था।

यह है मृतक

मृतक धर्माराम पुत्र सुखाराम बडिय़ासर जाती जाट निवासी मेवड़ा। 12वीं पास करने के बाद काम धंधे की तलाश में जुट गया था। धर्माराम के तीन भाई है जिसमे बीच का था। सबसे बड़ा दिनेश व सबसे छोटा हरीराम अभी पढ़ाई कर रहा है। ये 5-6 माह पहले ही महाराष्ट्र गया था। मृतक धर्माराम की शादी 3 साल पहले ही हुई थी। मृतक के 13 माह का एक लडक़ा भी है। इससे पहले फर्नीचर का काम भी करता था। 20 दिन पहले ही गांव आकर गया था। इसको व इसके पिता सुखाराम बडिय़ासर को घोड़ी पालने का शौक भी था। इसके पिता काफी समय से घोड़ी पालन का व्यवसाय भी करते है। कई बार पशु मेले में सुखाराम की घोड़ी प्रथम स्थान पर आई है। इसको लेकर मृतक के पिता सुखाराम कई बार समानित भी हो चुके है।
मृतक राकेश मेघवाल पुत्र बुगाराम निवासी मेवड़ा। 10 वीं पास करने के बाद काम धंधे को लेकर दो साल पहले ही महाराष्ट्र चला गया था। ये तीन भाईयों में सबसे छोटा था। दूसरे नम्बर का भाई भी पुणे में नोकरी करता है। पिता बुगाराम खेती कर परिवार का पालन पोषण करता है। मृतक राकेश मेघवाल के परिवार में शादी थी। इसको लेकर राजस्थान आने के लिए टिकिट बनवाई थी। शुक्रवार को मृतक राकेश अपने गांव मेवड़ा पहुंचने वाला था। लेकिन घर वालों को क्या पता कि राकेश की शुक्रवार को लाश आएगी। राकेश की मौत से परिवार में शादी समारोह की खुशियां मातम में बदल गई।

मृतक राकेश पुत्र सुखदेव रियाड़ जाती जाट निवासी अखावास। तीन सात पहले रोजी रोटी के लिए परेदश निकल गया था। पिता का साया बचपन मे ही उठ गया था। मृतक आपस मे दो भाई ओर एक है। 8 वीं पास करने के बाद परिवार का खर्चा चलाने के लिए 3 साल पहले ही कपड़े की दुकान पर काम करने के लिए महाराष्ट्र गया था। बड़ा भाई विष्णु सुथार का काम कर परिवार का पालन पोषण करता है। मृतक राकेश 2 माह पहले ही उसकी माता से मिलने गांव आया था। तब दोस्त सहदेव व जितेंद्र दाधिच के साथ घूमने के लिए पास ही धार्मिक व पर्यटन स्थल कुंडिया जी धाम गया था। जहां दोस्तों के साथ फोटो खींचवाई थी।
मृतक सूरज शर्मा पुत्र परमेश्वरलाल गौड निवासी बड़ायली। दो साल पहले धंधे को लेकर पुणे चला गया था। मृतक के पिता परमेश्वरलाल एक ट्रक ड्राईवर है। सूरज सहज व सरल स्वभाव का युवक था। एम्बुलेंस से जैसे ही सूरज का शव आया तो घर वाले फूट-फूट कर रोने लगे। हर कोई उनको ढ़ांढ़स बंधाता नजर आया।

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