शहीद की पार्थिव देह रविवार शाम 6 बजे विशेष विमान से जयपुर पहुंचेगी। देर रात सेना के वाहन जवान की पार्थिव देह लेकर पैतृक गांव जूसरी पहुंचेंगे। सोमवार सुबह सैन्य सम्मान से जूसरी गांव में जवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार भाकर गत 15 फरवरी को ही गांव से वापस ड्यूटी पर गए थे। भाकर अपनी छोटी बहन की शादी में गांव आए थे।
हरी भाकर और हरेद्र दो जुड़वा भाई थे। दोनों ही भाई भारतीय सेना में हैं। बड़े हरी थे और छोटा हरेन्द्र भाकर है। शहीद हरी भाकर के पिता पदमाराम भाकर नजदीकी जूसरिया ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत हैं। 28 मार्च को शहीद हरीराम भाकर के परिवार में एक और शादी थी।