Nagaur patrika.अभिभावक ही शिक्षक बन बच्चों को पढ़ा रहे
नागौरPublished: Nov 13, 2020 09:15:04 pm
Nagaur.-निजी शिक्षण संस्थानों की ओर से ऑनलाइन एजूकेशन की शैली पर अभिभावकों में असंतोष
Parents should become teachers and teach children
नागौर. जिले में निजी विद्यालय बंद हैं। हालांकि कुछ विद्यालयों की ओर से ऑनलाइन एजूकेशन के नाम पर कुछ वीडियो एवं पीडीएफ फाइल आदि भेजकर पढ़ाई की इतिश्री कर ली जा रही है। मोबाइल पर वीडियो फाइल आदि आने के बाद इनको अपलोड करना और बच्चों को समझाना अभिभावकों के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। अभिभावकों का कहना है कि निजी शिक्षण संस्थान यूं तो कहते हैं कि वह ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, लेकिन पूरी मेहनत तो हम माता-पिता को करनी पड़ रही है। इसमें भी जिनके माता-पिता शिक्षित हैं तो ठीक है, लेकिन कई तो मोबाइल पर वीडियो आया या मैसेज आया आदि समझ ही नहीं पाते हैं। अभिभावकों में नत्थूराम भाटी, जीतेश आदि आदि ने बताया कि भइया पूरी मेहनत तो हम कर रहे हैं, और फीस भी इनको पूरी दें। निजी विद्यालयों को इस पर मंथन करना चाहिए। शहर के बीकानेर रेलवे फाटक के पास कॉलोनी के एक अभिभावक ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि फीस लिए जाने का कोई दायरा बनना चाहिए। दायरा यूं तो बना था, लेकिन इसमें भी निजी स्कूलों की ओर से ही अडंगा लगा दिया गया। शिक्षा विभाग भी इसमें कुछ नहीं करता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं कि कोई शिकायत हो तो फिर लिखकर दो, अब लिखकर देंगे तो फिर बच्चों के भविष्य का क्या होगा। आखिरकार बच्चों को पढ़ाना ही है, घर में थोड़ी बैठाना है। इस संबंध में जिला मुख्य शिक्षाधिकारी संपतराम से बातचीत हुई तो इनका कहना है कि इस संबंध में कोई प्रार्थना पत्र मिला नहीं है। कोई शिकायत आएगी तो प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जा सकते ह