इनका कहना है
अस्पताल मे आने के बाद डॉ. बाजिया ने पर्ची बनाई। पिता को अस्पताल मे दाखिल करवा दिया गया। उसके एक घंटे बाद तक यहां कोई कंपाउंडर नहीं था। वो दर्द से कराह रहे थे। कम्पाउंडर को तलाश किया, कम्पाउंडर नहीं मिला। एक घंटे तक दवा नहीं मिलने के कारण दर्द से तड़पते हुए पिता की मौत हो गई।
हेमाराज बाजिया, मृतक का पुत्र
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सुबह सवा पांच बजे मरीज को उपचार के लिए अस्पताल मे लाया गया। उपचार चल रहा था, इस दौरान रोगी की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कम्पाउंडर नही था। जिसके बारे मे जांच की जा रही है।
डॉ. जी के शर्मा, प्रभारी चिकित्सक