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रोग के डर से कम हो गए रोगी, बंद हो गया रोगियों का परिवहन

locationनागौरPublished: Oct 27, 2020 10:42:43 am

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

कोरोना काल में छोटी-मोटी बीमारियों से ग्रसित लोग नहीं जा रहे अस्पताल, आवागमन के लिए उपयोग करते हैं एम्बुलेंस, लेकिन कम हो रही रोगी वाहनों की बुकिंग, मरीजों की बुकिंग कम होने से गिर गया एम्बुलेंस पंजीयन का ग्राफ, घट गई रोगी वाहनों की संख्या

रोग के डर से कम हो गए रोगी, बंद हो गया रोगियों का परिवहन

रोग के डर से कम हो गए रोगी, बंद हो गया रोगियों का परिवहन

जीतेश रावल
नागौर. कोरोना काल में संक्रमण के डर से लोगों का अस्पताल जाना ही लगभग बंद हो गया है। पहले जहां हल्की-फुल्की बीमारी में भी अस्पताल की चौखट पर दस्तक दी जाती थी, वहीं अब ज्यादा गंभीर होने पर ही लोग अस्पताल का रूख करते हैं। आमतौर पर अस्पताल जाने के लिए लोग एम्बुलेंस का उपयोग करते हंै, लेकिन रोग के डर से रोगियों की संख्या में कमी आ गई तो रोगियों का परिवहन भी बंद सा हो गया। बुकिंग कम होने से अस्पताल संचालक एवं निजी स्तर पर भी एम्बुलेंस की खरीद कम हो गई। संभवतया यही कारण रहा कि इस वर्ष एम्बुलेंस पंजीयन का ग्राफ एकदम से नीचे आ गया है।
अक्सर अस्पताल जाना टालते हैं
संक्रमण के डर से लोग अस्पताल जाने से कतराते हैं। जहांा तक हो सके अस्पताल जाना टालते हैं। जरूरत होने पर भी कई बार मेडिकल स्टोर से ही दवा लाकर गटक लेते हैं। दो-तीन दिन तक स्वस्तर पर ही उपचार के लेकर ठीक होने का प्रयास करते हैं। इसके बाद भी मर्ज ठीक नहीं होता है और लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता तब जाकर अस्पताल का रूख करते हंै।
गत वर्ष 11 थी, इस बार केवल तीन
परिवहन विभाग में हर वर्ष एम्बुलेंस वाहन भी अच्छी संख्या में पंजीकृत होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। गत वर्ष जहां ग्यारह वाहन पंजीकृत किए गए थे, वहीं इस बार महज तीन एम्बुलेंस ही पंजीकृत हो पाई है। आमतौर पर निजी असपताल तो एम्बुलेंस खरीदते ही है, कई लोग निजी स्तर पर भी एम्बुलेंस रखते हैं। ताकि मरीजों को ढोकर अपनी आजीविका चला सके। लेकिन, इस बार मांग नहीं आने से एम्बुलेंस की खरीदारी में भी किसी ने रुचि नहीं ली।
एनीमल एम्बुलेंस का पंजीयन शून्य
एम्बुलेंस वाहनों का पंजीयन इस बार एक तरह से ठप ही पड़ा रहा। मानव सेवा में चलने वाली एम्बुलेंस तो फिर भी तीन वाहन पंजीकृत हो गए, लेकिन एनीमल एम्बुलेंस का पंजीयन शून्य रहा। बीमार पशुओं को ढोने के काम आने वाली एनीमल एम्बुलेंस इस वर्ष एक भी पंजीकृत नहीं हुई। गत साल जरूर एक वाहन पंजीकृत हुआ था। आंकड़े दर्शाते हैं कि रोगियों की बुकिंग इस बार कम ही हुई है।
कम हुआ है पंजीयन…
इस बार एम्बुलेंस का पंजीयन काफी कम हुआ है। गत वर्ष ग्यारह एम्बुलेंस का पंजीयन किया गया था। इस बार अभी तक तीन वाहन ही पंजीकृत हुए है।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर

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