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ईलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे मरीज, नहीं मिले डॉक्टर

locationनागौरPublished: Nov 12, 2017 12:41:51 pm

Submitted by:

Devendra Singh

चिकित्सक हड़ताल का छठा दिन, सरकारी अस्पतालों में मरीज हो रहे परेशान

patients suffering from lack of publicity

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नागौर. सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के कारण चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों के डॉक्टरों से बात कर निशुल्क उपचार की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन मरीजों को इस बात की जानकारी नहीं होने से प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों में मरीज शनिवार को भी इधर-उधर भटकते रहे। उन्हें राहत देने वाला कोई नहीं था। हालांकि राज्य सरकार ने रेस्मा के तहत चिकित्सकों की गिरफ्तारी के आदेश दिए है। शनिवार शाम तक जिले में किसी भी चिकित्सक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। सूत्रों के अनुसार चिकित्सक भूमिगत हो गए हैं।
यह की व्यवस्था
राज्य सरकार के निर्देश पर कलक्टर कुमारपाल गौतम ने नागौर सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को निजी अस्पताल संचालकों से बात कर हड़ताल के दौरान निशुल्क उपचार की व्यवस्था करने के लिए कहा। सीएमएचओ ने निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की, जिसमें जिला मुख्यालय सहित जिले के डीडवाना, कुचामन एवं मेड़ता सिटी के 14 निजी अस्पताल संचालकों ने अपने यहां निशुल्क उपचार की स्वीकृति दी। इसके लिए मरीज को पहले सरकारी अस्पताल से आउटडोर की पर्ची कटवानी पड़ेगी। यदि कोई मरीज सरकारी अस्पताल से पर्ची लेकर निजी डॉक्टर के पास जाता है तो वे परामर्श निशुल्क देंगे और जैनेरिक दवाइयां लिखेंगे, जो मरीज को सरकारी अस्पताल के दवा केन्द्र से मिलेगी। इस प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने से मरीज फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। हालांकि जिले में यह व्यवस्था पिछले तीन दिन से है।
कैन्टीन बंद होने की स्थिति

जेएलएन अस्पताल में कैन्टीन संचालित करने वाले युवक ने बताया कि रोजाना उसके 70 से 80 लीटर दूध की खपत होती थी। पिछले छह दिन से लगातार खपत गिरकर 5-6 लीटर पर आ गई है। नमकीन की दुकान करने वाला ठेकेदार पिछले दो दिन से दुकान नहीं खोल रहा है। सांई सेवा समिति के दिलीप शर्मा ने बताया कि समिति की ओर से वितरित किए जाने वाले दूध-खिचड़ी व दाल-रोटी की मात्रा मात्र 10 प्रतिशत रह
गई है।
जिले के इन अस्पतालों ने दी नि:शुल्क परामर्श की स्वीकृति

नागौर जिला मुख्यालय के श्री हरिराम हॉस्पिटल, भास्कर हॉस्पिटल, मरूधर हॉस्पिटल, शिवम हॉस्पिटल, महादेव हॉस्पिटल, बिशु हॉस्पिटल, भूतड़ा हॉस्पिटल के संचालकों ने निशुल्क परामर्श देने की स्वीकृति दी है। इसी प्रकार कुचामन के कृष्णा हॉस्पिटल, मारवाड़ जनाना हॉस्पिटल व डॉ. पारासर हॉस्पिटल ने, डीडवाना के बालिया हॉस्पिटल, मारवाड़ हॉस्पिटल ने तथा मेड़ता सिटी के राम हॉस्पिटल व कृष्णा हॉस्पिटल ने सरकारी अस्पताल की पर्ची लाने पर निशुल्क परामर्श की स्वीकृति दी।
अस्पताल में चलाया सफाई अभियान
जेएलएन अस्पताल सूना होने से सफाई ठेकेदार ने सफाई अभियान चला दिया है। यूं तो अस्पताल में रोजाना सफाई होती है, लेकिन शनिवार को सुबह 11 बजे कर्मचारी सफाई के साथ वार्डों की धुलाई करते नजर आए।
अस्पताल के दवा केन्द्र से दवा ले सकेगा

चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिन निजी अस्पताल संचालकों ने निशुल्क उपचार की स्वीकृति दी है, उनकी सूची हमने पर्ची काउण्टर पर चस्पा कर दी है। इसके लिए मरीज को पर्ची जेएलएन अस्पताल के काउण्टर से कटवानी पड़ेगी, यदि मरीज पर्ची लेकर सम्बन्धित निजी अस्पताल में जाएगा तो उसे निशुल्क परामर्श मिलेगा। इसके बाद वह जेएलएन अस्पताल के दवा केन्द्र से दवा ले सकेगा।
डॉ. अपूर्व कौशिक, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर

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