मेड़ता सिटी. कथावाचक डॉ. देवऋषि शर्मा ने कहा कि जो भगवान के आश्रय में जीवन व्यापन करता है, वे ही शाश्वत सुखी है, बाकि सभी दु:खी है। दूसरों के सुख से दु:खी नहीं होना चाहिए। भागवत कथा जीवन में भक्ति एवं योग्य कार्य करना सिखाती है। मानव को भागवत कथा का आश्रय लेना चाहिए।वे पृथ्वीराज थड़ा स्थित माली समाज के भवन में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी के प्रति ऊंच, नीच का भाव नहीं रखें। व्यक्ति में जातिवाद का भेदभाव नही हो, नियम तथा संयम से जीवन जीएं। लोभ, लालच, अभिमान, क्रोध का त्याग करते हुए जीवन में ज्ञान अर्जित करने के लिए साधक तत्पर रहे।