ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
गड्ढों को पाटने के साथ ही सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। साथ ही उड़ती धूल पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव किया जाए तो लोगों को राहत मिल सकती है। व्यापारी बताते हैं कि इस सम्बंध में अधिकारियों को भी कहा गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दुकानें खुलने के बाद अब काफी समस्या उठानी पड़ रही है।
गड्ढों को पाटने के साथ ही सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। साथ ही उड़ती धूल पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव किया जाए तो लोगों को राहत मिल सकती है। व्यापारी बताते हैं कि इस सम्बंध में अधिकारियों को भी कहा गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दुकानें खुलने के बाद अब काफी समस्या उठानी पड़ रही है।
मुश्किल में हैं व्यापारी
सदर बाजार में प्रकाश चौरडिय़ा ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान काम किया था, लेकिन गड्ढों को पाटे बगैर ही छोड़ दिया। अब दुकानों में आवाजाही मुश्किल हो रही है। सुरेंद्र दुग्गड़ व पीयूष जैन ने बताया कि बाजार में पंद्रह दिनों से सड़क खुदी हुई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। बुटाटी गांव से आए महेंद्र ने बताया कि उड़ती धूल व गड्ढों के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा है। पतंजलि समिति के सदस्य कमल सोनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण का असर गले से होकर फेफड़ों तक होता है। ऐसे में उड़ती धूल लोगों के लिए समस्या बन रही है। गड्ढों को जल्द पाटना चाहिए। तब तक पानी का छिड़काव करना चाहिए, ताकि धूल न उड़े।
सदर बाजार में प्रकाश चौरडिय़ा ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान काम किया था, लेकिन गड्ढों को पाटे बगैर ही छोड़ दिया। अब दुकानों में आवाजाही मुश्किल हो रही है। सुरेंद्र दुग्गड़ व पीयूष जैन ने बताया कि बाजार में पंद्रह दिनों से सड़क खुदी हुई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। बुटाटी गांव से आए महेंद्र ने बताया कि उड़ती धूल व गड्ढों के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा है। पतंजलि समिति के सदस्य कमल सोनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण का असर गले से होकर फेफड़ों तक होता है। ऐसे में उड़ती धूल लोगों के लिए समस्या बन रही है। गड्ढों को जल्द पाटना चाहिए। तब तक पानी का छिड़काव करना चाहिए, ताकि धूल न उड़े।