समस्त परिवार में भोजन के बाद रावों द्वारा परिवार की प्राचीन कोटड़ी में बैठकर ऐतिहासिक बही का वाचन किया जाता है। रावों की बही में जन्म व मृत्यु का पंजीकरण प्राचीन समय से किया जाता रहा है। आदिकाल से इस बही को संरक्षित रखा हुआ है। बही के पूजन के बाद राव उच्च आसन पर बैठकर वंशजों के यशगान व पीढिय़ों का वाचन करते हैं। रावों में आगमन के साथ ही ढाणियों में एक निश्चित बैठक स्थल पर अखंड ज्योति जलाई जाती है। बही वाचन के दौरान परिवार के समस्त सदस्य उसका श्रवण
करते हैं।
पेश होता है नजराना : रावों को उनके समाज वंशजों के घरों में रहवास के दौरान हर्ष के साथ अतिथि सेवा की जाती है। राव भाट की बही में अपने परिवार के नए सदस्य का नाम दर्ज करवाने पर यजमान नजराना पेश करते हैं। नजराने में यजमान द्वारा हजारों रुपए की राशि के साथ जेवर व वस्त्र भी दिए जाते हैं।