Nagaur. शहर के विभिन्न क्षेत्रो मे रविवार को हुई अघोषित कटौतीयों से तैयारियो की खुली कलई
-औसत गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर-बिजली के तारों ने खोली रखरखाव के नाम पर डिस्काम की पोल
- बिजली वितरण मे की जा रही अघोषित कटौती मे एमडी के निर्देशों को भी कर दिया गया दरकिनार
नागौर
Updated: May 31, 2022 10:35:13 pm
नागौर. गत एक माह से शहर क्षेत्र की बिजली वितरण व्यवस्था पटरी से उतर गई है। स्थिति यह हो गई है कि बिजली के आने-जाने का अब कोई समय निर्धारित नहीं रह गया है। यह स्थिति तब है, जबकि डिस्कॉम की ओर से रखरखाव के नाम पर भी कई जगहों पर आए दिन घंटों बिजली की आपूर्ति ठप कर दी जाती है। इसकी वजह से परेशान उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग गर्मी में इस तरह आपूर्ति ठप कर उनको परेशान करने में लगा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि रखरखाव के नाम पर घोषित कटौती करना विभागीय बिजली बचत के कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इसके जरिये आपूर्ति ठप कर बचत के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर इसलिए दिखाया जाता है कि मुख्यालय की नजर में उनकी तस्वीर बेहतर बनी रहे। अन्यथा रखरखाव के वास्तव में किया जाता तो शहर को कंडम बिजली के ट्रांसफार्मर एवं तारों के साथ संघर्ष नहीं करना पड़ता। रविवार को यही हुआ सैनिक बस्ती में ट्रांसफार्मर जलने से कई कॉलोनियों में घंटों बिजली गुल रही।
शहर की बिजली वितरण व्यवस्था को सुव्यवस्थित रूप से बनाए रखने के लिए डिस्कॉम के अधिकारियों ने एमडी के दिशा-निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया है। खराब बिजली के ट्रांसफार्मर बदलने एवं बेहतर केबल व्यवस्था करने के निर्देश अजमेर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक एन. एस. निर्वाण की ओर से गत दिवस नागौर अधीक्षण अभियंता कार्यालय में हुई बैठक में दिया गया था। इसके पूर्व भी इस तरह के दिशा-निर्देश एमडी निर्वाण की ओर से दिए थे। इसके बाद भी शहर की बिजली व्यवस्था को सुव्यस्थित बनाए रखने का जिम्मा संभालने वालों ने ध्यान नहीं दिया। आए दिन कहीं ट्रिपिंग हो रही है तो कहीं ट्रांसफार्मर जल जा रहे हैं। इस संबंध में प्रतासागर कॉलोनी के मुकेश, अनिल एवं नया दरवाजा हनुमान मंदिर के पास प्रभुराम, रामसुमेर एवं राजाराम से बातचीत हुई तो वह शहर की बिजली वितरण व्यवस्था से खासे नाराज नजर आए। इनका कहना था कि दुनिया चांद पर पहुंच गई, लेकिन शहर में बिजली वितरण तकनीकी में कोई सुधार नहीं किया गया। रखरखाव का लाइसेंस लेकर पहले से घोषित रूप से बिजली की घंटो कटौती करते हैं। इसके साथ ही सामान्य दिनों में भी बिजली अक्सर गायब रहती है। कई बार तो जलापूर्ति के समय बिजली गायब होने के चलते वह पानी तक नहीं भर पाते हैं। समझ में नहीं आता है कि यह अधिकारी रखरखाव के नाम पर आखिरकार करते क्या हैं। ट्रांसफार्मर बदलते है या फिर नए तार लगाए जाते हैं, आदि की कोई जानकारी उपभोक्ताओं यानी कि जनता नहीं रहती है। बस रखरखाव के नाम पर कटौती जारी रहती है। अघोषित कटौती की सीमा तो डिस्कॉम ने खुद ही अनलिमटेड कर रखी है।
क्षेत्रवार जीएसएस के जिम्मेदारों के नंबर अंकित कराने चाहिए
शहरवासियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था के संदर्भ में डिस्कॉम को क्षेत्रवार लाइनमैन एवं संबंधित कनिष्ठ अभियंता व जोनल अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक रूप से अंकित कराने चाहिए। हालांकि विभाग इस मामले में कई बार यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेता है कि उपभोक्ता टोल फ्री नंबरों पर श्किायतें कर सकते हैं। इसलिए अलग से नंबर दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अधिकारियों को मोबाइल नंबर जब सरकारी स्तर पर मिले हैं तो इनके नंबर भी पुलिस महकमे की तर्ज पर बीटवार हर जगह अंकित कराने चाहिए।
इनका कहना है...
बिजली वितरण व्यवस्था को सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी कहीं, स्थिति सही नहीं तो उपभोक्ताओं की ओर से प्रकरण आया तो इसे देखवा लिया जाएगा।
एफ. आर. मीणा, अधिशासी अभियंता अजमेर-नागौर. डिस्कॉम
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