नायब शहर काजी सादीक उस्मानी ने बताया कि माहे रमजान में रोजे के साथ साथ फितरा और जकात भी फर्र्ज है। उन्होंने कहा कि चाहें आप चावल खाते हो, चाहे आप गेहूं, बाजारा, ज्वार या मक्की कुछ भी खाते हो। आपको उसी अनाज का दो किलो 45 ग्राम अनाज या उसकी वर्तमान कीमत हर हाल में नमाज ए ईद उल फितर से पहले अदा करनी है। जकात के बयान पर इमाम जमीरुलइस्लाम ने बताया कि जिस इंसान के पास साढ़े सात तोला सोना या इतनी कीमत का दूसरा कोई सामान है तो वह मालिक ए निसाब है। उस पर जकात वाजिब है, उसे अपने सामान का चालीसवां हिस्सा यानी ढाई प्रतिशत जकात देनी चाहिए।
तीसरे जुम्मे के दौरान शहर की मस्जिदें नमाजियों से अटी रही। बड़ी तादात में मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने नमाज ए जुम्मा अदा की। नगर की शाही जामा मस्जिद में मौलाना अब्दुर्रशिद रिजवी, हमीद कॉलोनी मस्जिद में इमाम मुशाहिद रजा, कचहरी मस्जिद मौलाना अखलाक अहमद, मदीना मस्जिद में कारी अब्दुर्रहमान, लोहारान मस्जिद में इमाम मिन्हाजुल इस्लाम ने जुम्मे की नमाज अदा करवाई। इस अवसर पर शहर काजी ने मुल्क में अमन ओ मुहब्बत, राष्ट्र उन्नति, भाईचारा और खैरो बरकत की दुवाएं भी करवाई।