scriptखुदा की बारगाह में झुके सिर | Prayers peace and brotherhood in the country | Patrika News

खुदा की बारगाह में झुके सिर

locationनागौरPublished: May 24, 2019 07:12:16 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

रमजानुल मुबारक के तीसरे जुम्मे पर मस्जिदों में नमाज अदा कर देश मे अमन चेन व भाईचारे की दुआ मांगी

didwana

खुदा की बारगाह में झुके सिर

डीडवाना. रमजानुल मुबारक के तीसरे जुम्मे पर मस्जिदों में नमाज अदा कर देश मे अमन चेन व भाईचारे की दुआ मांगी गई। शहर की पुरानी ईदगाह में शहर काजी रेहान उस्मानी ने कहा कि अल्लाह ने माहे रमजान के रोजे उम्मते रसूल पर सिर्फ इसलिए नहीं फ र्ज किए हैं कि एक बन्दा भूखा प्यासा सिर्फ इबादत करता रहे। बल्कि सही मायनों में रोजे का मतलब है कि रोजेदार भूख-प्यास की शिद्दत को महसूस कर जरूरतमंद के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझ कर उनकी मदद कर सके। उन्होंने कहा कि भूख-प्यास की शिद्दत इन्सान को अहसास करवाती है कि हमें मजबूर, लाचार और गरीब का हमदर्द बनना है। एक सच्चा मोमिन माहे रमजान में अपनी खैर ओ बरकत के लिए सुन्नते रसूल का पालन करता है।

नायब शहर काजी सादीक उस्मानी ने बताया कि माहे रमजान में रोजे के साथ साथ फितरा और जकात भी फर्र्ज है। उन्होंने कहा कि चाहें आप चावल खाते हो, चाहे आप गेहूं, बाजारा, ज्वार या मक्की कुछ भी खाते हो। आपको उसी अनाज का दो किलो 45 ग्राम अनाज या उसकी वर्तमान कीमत हर हाल में नमाज ए ईद उल फितर से पहले अदा करनी है। जकात के बयान पर इमाम जमीरुलइस्लाम ने बताया कि जिस इंसान के पास साढ़े सात तोला सोना या इतनी कीमत का दूसरा कोई सामान है तो वह मालिक ए निसाब है। उस पर जकात वाजिब है, उसे अपने सामान का चालीसवां हिस्सा यानी ढाई प्रतिशत जकात देनी चाहिए।

तीसरे जुम्मे के दौरान शहर की मस्जिदें नमाजियों से अटी रही। बड़ी तादात में मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने नमाज ए जुम्मा अदा की। नगर की शाही जामा मस्जिद में मौलाना अब्दुर्रशिद रिजवी, हमीद कॉलोनी मस्जिद में इमाम मुशाहिद रजा, कचहरी मस्जिद मौलाना अखलाक अहमद, मदीना मस्जिद में कारी अब्दुर्रहमान, लोहारान मस्जिद में इमाम मिन्हाजुल इस्लाम ने जुम्मे की नमाज अदा करवाई। इस अवसर पर शहर काजी ने मुल्क में अमन ओ मुहब्बत, राष्ट्र उन्नति, भाईचारा और खैरो बरकत की दुवाएं भी करवाई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो