Nagaur patrika news.लंबी दूरियों की गाडिय़ों का चालन नहीं होने का प्राइवेट को फायदा
नागौरPublished: Jan 21, 2021 09:41:07 pm
Nagaur patrika. रोडवेज की लंबी दूरियों की गाडिय़ों के निरस्त होने से बढ़ी परेशानी-हर दिन औसतन पांच बसें अब होने लगी निरस्त, राजस्व भी घटा-नागौर से बाड़मेर व माउंट आबू जाने वाले बसों के संचालन नहीं होने से यात्रियों को निजी बसों का लेना पड़ रहा सहारा
Private benefit of not driving long distance trains
नागौर. नए साल से रोडवेज के पुराने पटरी पर लौटने की उम्मीदों पर अब पानी फिरने लगा है। पूर्व में अनुबंधित सहित करीब 94 गाडिय़ों का संचालन किया जाता था, लेकिन अभी वर्तमान में केवल 79 गाडिय़ां ही संचालित हो रही है। विभागीय जानकारों के अनुसार इनमें से दिल्ली, बाड़मेर एवं माउण्ट आबू व सूरत तक जाने वाली गाडिय़ों का संचालन ही शुरू नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि डीडवाना भी शाम को पांच बजे के बाद यदि जाना पड़े तो अब यात्री को रात में नौ बजे तक इंतजार करना पड़ता है। जबकि मुख्यालय के दिशा-निर्देशों एवं राजस्व मुनाफे को देखते हुए 30 से 40 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से संचालित होने वाली गाडिय़ों का संचालन नहीं होने से अब राजस्व की स्थिति प्रभावित होने लगी है। अधिकारियों का कहना है कि स्टॉफ की कमी के चलते कुछ गाडिय़ों का संचालन जरूर प्रभावित हुआ है, लेकिन जल्द ही स्थिति सुव्यवस्थित हो जाएगी।
रोडवेज से लंबी दूरियों की बसों के संचालन होने से न केवल राजस्व प्रभावित हुआ है, बल्कि यात्रियों की भी परेशानी बढ़ गई है।
नागौर से माउंट आबू सूरत, नागौर से बाड़मेर जो सीकर से चलकर बाड़मेर और नागौर से रात्रिकालीन बस सेवा जो जोधपुर से चलकर दिल्ली को जाती थी। यह सारी गाडिय़ां 30 पर किलोमीटर से अधिक की दर से संचालित होने वाली बसों का संचालन बंद होने के चलते यात्रियों को गंतव्यों तक जाने के लिए दूसरे संसाधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। यही नहीं, बल्कि नागौर से डीडवाना मार्ग पर शाम को पांच बजकर बीस मिनट रात में केवल नौ बजे एकमात्र बस चलती है। यानी कि कि डीडवाना जाने के लिए रोडवेज बस का लगभग चार घंटे इंतजार करना पड़ेगा। इस दौरान डीडवाना मार्ग पर कोई गाड़ी नहीं है। नागौर डिपो के दो शिड्यूलों में डेगाना एवं अजमेर होकर जाने वाली बसों का चालन भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि इसका फायदा प्राइवेट बस संचालकों को मिलने लगा है। जबकि पुराने टाइम टेबल लागू के करने के बाद सभी शिड्यूल में बसों का संचालन होने से न केवल यात्रियों को गंतव्यों तक सहजता होती, बल्कि रोडवेज को भी राजस्व का फायदा होता। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस तरह से में हर दिन पांच से छह शिड्यूल रोजाना निरस्त होने से स्थिति विकट होने लगी है।
गाडिय़ों का चालन बंद होने से लाखों का राजस्व प्रभावित
निगम के सूत्रों के अनुसार मुख्यालय की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश है कि 30 रुपए से 40 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से संचालित होने वाली गाडिय़ोंं का संचालन किया जाना चाहिए। बताते हैं कि इन लंबी दूरियों की गाडिय़ों में नागौर से आबूरोड, सूरत। जोधपुर से दिल्ली रात में, तीसरी गाड़ी बाड़मेर डिपो की थी। दिल्ली से नागौर रूट की गाडिय़ोंं का चालन भी शुरू नहीं हुआ। सीकर से बाड़मेर चलने वाली गाड़ी बंद होने के चलते प्रतिमाह औसतन करीब तीन लाख का राजस्व प्रभावित होने लगा है। जबकि मुख्यालय की ओर से यह भी साफ तौर पर इंगित किया है कि प्रति किलोमीटर 21 रुपए की दर से आय होने वाली गाड़ी भी संचालित की जा सकती है। विभागीय जानकारों के अनुसार इन बसों का संचालन होने पर यात्रियों को सुविधा मिलने के साथ ही रोडवेज का राजस्व मुनाफा भी बढ़ता।
इनका कहना है…
स्टॉफ की कमी के चलते कुछ गाडिय़ों का संचालन प्रभावित हुआ है, लेकिन इस संबंध में मुख्यालय को अवगत कराया जा चुका है। स्टॉफ की पूर्ति होने पर जल्द ही रोडवेज बसों का संचालन सुव्यवस्थित तरीके से होने लगेगा।
ऊषा चौधरी, मुख्य प्रबन्धक आगार नागौर