नागौरPublished: Aug 08, 2018 10:56:33 pm
Sharad Shukla
निजी हॉस्पिटल संचालकों ने बीएसबीवाई योजना में इलाज करने से किया इनकार, भुगतान नहीं मिलने तक इसमें किसी भी का नहीं करेंगे उपचार, सीएमएचओ के आश्वासन पर भी नहीं माने निजी हॉस्पिटल संचालक
Private hospital operators will not treat
नागौर. बीएसबीवाई योजना में लाभान्वितों के क्लेम मिलने से नाराज निजी हॉस्पिटल संचालकों की मंगलवार को सीएमएचओ के साथ हुई वार्ता फेल हो गई। भुगतान नहीं मिलने तक जिले भर में हॉस्पिटल संचालकों ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभान्वितों का इलाज करने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि सीएमएचओ ने यह कहकर समझाने का प्रयास किया। व्यवस्था के तहत जल्द ही उनका भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद भी चिकित्सक नहीं माने और
चले गए।
बीएसबीवाई योजना में लाभान्वितों के क्लेम मिलने में बीमा कंपनी की ओर से अडंग़ा लगाए से नाराज निजी हॉस्पिटल संचालकों ने मंगलवार को सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप से मुलाकात की। भुगतान लंबित होने से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा के दौरान सीएमएचओ कश्यप ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभान्वितों का इलाज जारी रखें, उनकी समस्याओं का समाधान निश्चित रूप से कर दिया जाएगा।
निजी अस्पतालों की ओर से डॉ. प्रवीण प्रजापत, डॉ. रणवीरसिंह, डॉ हापूराम चैधरी, डॉ. रामलाल कृषक, डॉ. सुरेश बिश्नोई, डॉ. रामकिशोर डोगीवाल, डॉ. बीएस घोड़ावत आदि ने सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप से स्पष्ट रूप से कहा कि इलाज में उनका व्यय होता है और व्यवस्था में लगे कर्मियों को भी वेतन देना होता है। दवा आदि अन्य संसाधनों की व्यवस्था असमय भुगतान में होने वाले विलंब की वजह से बिगडऩे लगी है। इसलिए वह भुगतान नहीं मिलने तक अपने निर्णय पर अडिग हैं। निजी हॉस्पिटल संचालकों का कहना था कि भामाशाह लाभान्वितों की संख्या अत्याधिक होने के साथ ही भुगतान राशि का आंकड़ा भी लाखों में पहुंच गया है। अब क्लेम कंपनी की ओर से लाइव फोटो के नाम पर परेशान किया जा रहा है। इस तरह के करीब आधा दर्जन प्रकरणों के उदाहरण भी दिए। बातचीत के दौरान योजना से सम्बद्ध निजी अस्पतालों के संचालकों ने कैशलेस ईलाज के एवज में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की ओर से क्लेम के भुगतान में होने वाले विलंब और अधिक संख्या में केस रिजेक्ट किए जाने की समस्या बताई गई। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कश्यप ने निजी अस्पतालों के संचालकों से कहा कि उन्हें बीएसबीवाई में किए गए कैशलेस इलाज से संबंधित मांगे जाने वाले तथ्यों पर आपत्ति है तो वह राज्य स्तर पर सीधे अपील कर सकते हैं। ताकि उनकी समस्या का समाधान समय पर हो सके।