कपड़ा उद्योग की पसन्द बनी कुचेरा की कपास पर मजदूरों की कमी से उत्पादन प्रभावित
नागौरPublished: Oct 08, 2023 01:16:48 pm
बीज, खाद व रसायनों की बढ़ती महंगाई व मजदूरों की कमी से प्रभावित हो रहा कपास फसल उत्पादन
- बीज, खाद व रसायनों की बढ़ते दाम भी बढ़ा रहे परेशानी
- मौसम की मार ने किया गुणवत्ता को कम


कुचेरा. कपड़ा उद्योग में भेजने के लिए फैक्ट्री में तैयार कोटन।
कुचेरा. नागौर जिले के कुचेरा क्षेत्र में उत्पादित कपास कपड़ा उद्योग की पहली पसंद बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर बीज, खाद व रसायनों के बढ़ते भाव और मजदूरों की कमी से कपास फसल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बुवाई व फसल उत्पादन में आ रहे खर्च के मुकाबले कपास के भाव व आय में वृद्धि नहीं होने से किसानों को नुकसान का उठाना पड़ रहा है। विभिन्न प्रकार के कीट, रोगों के प्रकोप एवं मौसमी अनियमितताओं के चलते कपास की गुणवत्ता को घुण लगने से कीमत भी कम हुई है।
25 से 30 प्रतिशत कम हैं भाव
गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कपास की फसल के भावों में में 25 से 30 प्रतिशत तक गिरावट आई हुई है। गत वर्ष कपास के भाव करीब 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल थे। जबकि इस वर्ष 7500 से 7800 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव चल रहे हैं।