नागौरPublished: Oct 03, 2019 06:45:14 pm
Suresh Vyas
निबंध, भाषण व वेशभूषा सहित कार्यक्रमों का आयोजन
Didwana News
डीडवाना. शहर में संचालित जेम्स इंटरनेशनल स्कूल व बालाजी महाविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर निबंध, भाषण व वेशभूषा सहित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रभारी रणवीरसिंह ने गांधी के तीन बंदर विषय पर विचार व्यक्त किए। संस्था निदेशक सुरेन्द्रसिंह नेहरा ने गांधी व शास्त्री के पदचिन्हों पर चलने की बात कही। व्यवस्थापक हनुमानसिंह शेखावत ने गांधी के सिद्धान्तों को आत्मसात करने के लिए कहा। इस मौके पर बालाजी नर्सिंग, बालाजी कॉलेज व जेम्स इंटरनेशनल के विद्यार्थी मौजूद रहे। संचालन गितुसिंह ने किया। शहर के राजकीय मॉडल स्कूल में गांधी जयंती के मौके पर संस्था प्रधान प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों के द्वारा स्वच्छता के लिए श्रमदान किया गया। संस्था प्रधान के द्वारा उपस्थितों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की शपथ दिलवाई गई। निबंध प्रतियोगिता, आशु भाषण, क्विज, सर्वधर्म प्रार्थना सभा आदि कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम बजरंगलाल व सुमन चौधरी के अनुसार इस मौके पर हरिराम द्वारा पौधरोपण, निंबाराम, दिनेशकुमार व कांता के द्वारा श्रमदान किया गया। द स्टडी सैकण्डरी स्कूल में महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाई गई। छात्र अमनदीप व छात्रा सबा मुरीद ने विचार व्यक्त किए। प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों के द्वारा रघुपति राघव राजाराम सहित अन्य गीतों की प्रस्तुति दी गई। प्राचार्य सीमा भाटी ने उपस्थितों को महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होने अपने वातावरण में साफ-सफाई रखने व प्लास्टिक का उपयोग नही करने की शपथ भी दिलाई। सभी ने स्वच्छ भारत अभियान में अपनी भागीदारी देने का संकल्प लिया। शहर के श्री बाँगड़ महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में गाँधी एवं शास्त्री जयन्ती प्राचार्य सीमा तिवारी की अध्यक्षता में मनाई गई। एन.एस.एस. अधिकारी डॉ. प्रकाश शेखावत ने छात्राओं को रक्तदान एवं स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बताया। गोरधन खोखर ने गाँधी व लाल बाहदुर शास्त्री दोनों के जीवन के बारे में विचार व्यक्त किए। व्यवस्थापक प्रेमाराम नेहरा ने भी महापुरुषों के जीवन से प्रेरित होकर उसे अपने चरित्र में ढालने के लिए कहा। स्वयंसेविकाओं द्वारा श्रमदान किया गया।