कलक्टर ने बताया कि प्रदेश में नए जिलों के पुनर्गठन व सृजन के सम्बन्ध में सेवानिवृत आईएएस राम लुभाया की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की प्रथम बैठक गत 5 मई को आयोजित की गई, जिसमें नवीन जिला बनाए जाने के लिए प्राप्त प्रस्तावों व मांगों पर चर्चा की गई।उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तावित निर्णय अनुसार नवीन जिला सृजन के सम्बन्ध में सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं आमजन आदि से प्रस्ताव, मांग व ज्ञापन प्राप्त किए जाएंगे।
इन मापदंडों पर देंगे ध्यान
कलक्टर समारिया ने बताया कि नवीन जिलों के सृजन के लिए जिले की भौगोलिक स्थिति व मांग की पृष्ठभूमि, जिले की जनसंख्या की स्थिति, जिला मुख्यालय से दूरस्थ तहसील की दूरी, जिला पुनर्गठन का औचित्य एवं नवीन जिले की आवश्यकता, प्रस्तावित जिले में न्यूनतम तहसील संख्या एवं उपलब्ध प्रशासनिक आधारभूत संख्या, क्षेत्र के पिछड़ेपन व गरीबी की स्थिति के दृष्टिगत विकास, सुशासन व सुप्रबन्ध एवं त्वरित अभाव अभियोग निस्तारण प्रस्तावित मुख्य मानदंड रहेंगे।
कलक्टर समारिया ने बताया कि नवीन जिलों के सृजन के लिए जिले की भौगोलिक स्थिति व मांग की पृष्ठभूमि, जिले की जनसंख्या की स्थिति, जिला मुख्यालय से दूरस्थ तहसील की दूरी, जिला पुनर्गठन का औचित्य एवं नवीन जिले की आवश्यकता, प्रस्तावित जिले में न्यूनतम तहसील संख्या एवं उपलब्ध प्रशासनिक आधारभूत संख्या, क्षेत्र के पिछड़ेपन व गरीबी की स्थिति के दृष्टिगत विकास, सुशासन व सुप्रबन्ध एवं त्वरित अभाव अभियोग निस्तारण प्रस्तावित मुख्य मानदंड रहेंगे।
सांसद-विधायक सहित आमजन से भी लेंगे प्रस्ताव कलक्टर ने बताया कि जिले के सभी अतिरिक्त जिला कलक्टर व उपखण्ड अधिकारियों को नवीन जिला सृजन के सम्बन्ध में सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों व आमजन आदि से प्रस्ताव, मांग व ज्ञापन प्राप्त कर सात दिवस में जिला कलक्ट्रेट में भिजवाने के लिए निर्देशित किया है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दाक्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का पांचवां व जनसंख्या की दृष्टि से चौथा सबसे बड़ा जिला होने से नागौर के नावां, परबतसर, लाडनूं, मकराना, कुचामन आदि क्षेत्रों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही कुचामन व डीडवाना को जिला बनाने की मांग पिछले काफी समय से की जा रही है। कुचामन व डीडवाना में जिला बनाने के हिसाब से पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर काफी व्यवस्थाएं स्थापित की जा चुकी हैं।