प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत नागौर जिले की 28 सडक़ों के प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सांसद बेनीवाल की सहमति के बिना केंद्र को भेज दिए, जिस पर सांसद ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर व उनसे व्यक्तिगत मुलाकत करके आपत्ति जताई। जिस पर केंद्र ने राज्य सरकार से जवाब तलब कर मामले की जांच करवाई व राज्य सरकार द्वारा मापदंडों के विपरीत व सांसद की सहमति के बिना सडक़ों के निर्माण के प्रस्ताव भेजना पाया गया। जिस पर केंद्रीय मंत्री तोमर के निर्देशों के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपनिदेशक ममता ने राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए सांसद की सहमति के बिना भेजे गए प्रस्तावों को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही सांसद की सहमति से नए स्तर से प्रस्ताव मांगने के लिए निर्देशित किया।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत यह स्पष्ट निर्देश है कि स्थानीय सांसद की लिखित सहमति से ही स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजे जाएं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से मनमाफिक रूप से प्रस्ताव तैयार कर भेजे, जो अनुचित था। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा तथा मंत्री तोमर से व्यक्तिगत मुलाकात करके राज्य सरकार व अधिकारियों की मनमर्जी से अवगत करवाया। केंद्र ने संज्ञान लेकर स्वीकृति को निरस्त करके नए स्तर से प्रस्ताव भेजने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार की किरकिरी हुई है और यह उन अधिकारियों के लिए भी सबक है, जो लोक सभा सदस्यों के अधिकारों को तवज्जो देने के स्थान पर राजनीतिक ईशारे पर काम करते हैं। मेरी सहमति के बिना जो सडक़ें स्वीकृत करवाई, उनमें अधिकतर फार्म हाउस को जोडऩे व व्यक्तिगत लाभ के लिए कर दी गई। इसलिए अब जल्द ही आम जन से राय लेकर प्रस्ताव भेजे जाएंगे। जिले में अब प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के प्रस्ताव सांसद की सहमति से भेजे जाएंगे।