घर-परिवार से दूर रहने वाले कई लोगों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए ही पैसा लगाया लेकिन पढाई का यह सपना पांच साल बाद भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। कॉलोनी में बिजली के खंभे लगे हुए हैं, फिर भी कॉलोनी की गलियां अंधेरे में डूबी नजर आती हैं। पूरी कॉलोनी में मुख्य सडक़ों पर एक दो जगहों के अलावा कहीं भी स्ट्रीट लाइट काम नहीं करती है। आवासन मंडल ने करीब चार साल पहले ट्रांसफॉर्मर लगाकर लाइटें जलानी भी शुरू कर दी लेकिन कुछ ही दिनों में खम्भों से बड़ी लाइटें गायब हो गई तो एकाध जगह से ट्रांसफॉर्मर भी उतार लिए गए। लम्बे समय बाद भी विद्युत व्यवस्था में सुधार नहीं होने से कॉलोनी के आवंटी परेशान हैं।
आवासन मंडल ने डेढ साल भर पहले लाइटों की मरम्मत व नई लाइटें लगाने के लिए निविदा जारी की लेकिन ठेकेदार ने एक-दो बार लाइटें लगाई उसके बाद आज तक कॉलोनी का रुख तक नहीं किया। आवंटियों की पीड़ा है कि रोड लाइटें नहीं जलने से जहां कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों को परेशानी होती है, वहीं कॉलोनी में चोरी का भय रहता है। जून 2018 में रात में मौका पाकर चोर मकानों के दरवाजे व खिड़कियां तक चुरा ले गए। यहां तक कि ठेकेदार द्वारा डाली गई निर्माण सामग्री पर भी हाथ साफ कर दिया। स्ट्रीट लाइट न जलने की वजह से दिन ढलते ही असामाजिक तत्व अंंधेरे का फायदा उठाकर अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
नागौर खंड में आवासीय अभियंता का पद लम्बे समय से रिक्त चल रहा है। पहले जोधपुर के अधिकारियोंं को नागौर का अतिरिक्त कार्य भार दिया गया था वहीं अब बीकानेर कार्यालय के एईएन को एक्सईएन का पद भार दिया गया है। आंवटियों को अपनी बात रखने के लिए अधिकारियों के नागौर आने का इंतजार करना पड़ता है। लोगों को सस्ती दर पर आवास का सपना दिखाकर राजस्व अर्जित करने में जुटे मंडल को कॉलोनी में सुविधाएं देने व कॉलोनी को विकसित करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
अधिकारियों द्वारा सुविधाओं का आश्वासन मिलने पर डेढ साल पहले कॉलोनी में रहना शुरू किया लेकिन यहां रोड लाइटें तक नहीं है। अधिकारियों को लिखित में देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
छोटूराम मिस्त्री, आवंटी