रुपए लेकर हो गया था फरार सूत्र बताते हैं कि मकराना निवासी जस्साराम की शादी करानी थी। इसके लिए दलाल गीगाराम और मंजीत कौर के माध्यम से सौदा एक लाख 70 हजार में तय हुआ। लडक़ी को गच्छीपुरा हुडिय़ा लाया गया। राजू यहां नाबालिग की शादी कराने के बाद एक लाख 70 हजार रुपए लेकर फरार हो गया। कहा तो यह भी जाता है कि राजू युवतियों की खरीद फरोख्त करने का मास्टर माइंड है, शेष जो पकड़ में आए, ये तो उसके लिए कमीशन पर काम करते थे।
कौन है राजू उर्फ भीमा सूत्र बताते हैं कि चारों आरोपियों को पकडऩे के बाद राजू उर्फ भीमा के बारे में पुलिस ने पूछताछ कर उसकी तलाश की तो नई-नई जानकारियां सामने आईं। राजू मूलत: पूणे के पास किसी गांव का रहने वाला था, कम उम्र में ही पंजाब आ गया। यहां गंगानगर में उसने शादी की, जिसे उसने बाद में छोडक़र दूसरी शादी पंजाब में कर ली। इसके बाद उसे भी छोड़ दिया, फिर मानव तस्करी के काम में जुड़ गया। इसमें मंजीत कौर समेत कुछ महिला-पुरुषों की गैंग बनाकर उसने पैसे लेकर शादी के बहाने नाबालिग/बालिग युवतियों का सौदा करना शुरू कर दिया।
जमीन खा गई या निगल गया आसमान सूत्रों की मानें तो नागौर पुलिस की ओर से उसकी तलाश में कई जगह दबिश दी गई। मामला अब गच्छीपुरा थाना पुलिस के पास है। उसे पंजाब के अलावा महाराष्ट्र ही नहीं गंगानगर समेत अन्य इलाकों में भी तलाश गया। इसके बाद भी उसका कोई अता-पता नहीं चला। पुलिस के पास फाइल में लगी एक छोटी फोटो के अलावा कोई संपर्क सूत्र भी नहीं हैं।
इनका कहना है राजू की तलाश चल रही है। पिछले दिनों गंगानगर भी टीम गई थी। मामले की नए सिरे से जांच कर राजू को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। -अमरचंद थाना प्रभारी गच्छीपुरा