scriptRaju alias Fauji, lodged in Ajmer high security jail, appeared in cour | अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद राजू उर्फ फौजी की वीसी के जरिए कोर्ट में हुई पेशी | Patrika News

अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद राजू उर्फ फौजी की वीसी के जरिए कोर्ट में हुई पेशी

locationनागौरPublished: Sep 17, 2023 08:14:23 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

नागौर. आबकारी के एक प्रकरण में तकरीबन दस साल से फरार चल रहे गैंगस्टर राजेश उर्फ राजू फौजी को अजमेर जेल से न्यायिक अभिरक्षा में लेने के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के जरिए नागौर की अदालत में पेश किया गया। संभावना है कि किसी अन्य आपराधिक मामले में फरार ऐसे अपराधी जो दूसरे मामले में जेल में तो बंद हैं पर उस मामले में फरार चल रहे हैं, उनकी ऐसे ही वीसी के जरिए पेशी होगी।

राजू फौजी
राजू उर्फ फौजी का संभवतया पहला ऐसा मामला है जिसकी बंद जेल में पहले न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद वीसी के जरिए पेशी हुई है।
राजू उर्फ फौजी का संभवतया पहला ऐसा मामला है जिसकी बंद जेल में पहले न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद वीसी के जरिए पेशी हुई है।
सूत्रों के अनुसार भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या करने समेत अनेक आपराधिक मामलों के आरोपी राजू उर्फ फौजी इन दिनों अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में है। उसके खिलाफ सुरपालिया थाने में 20 दिसम्बर 2012 को आबकारी अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज हुआ था। इस प्रकरण की जांच शुरू हुई तो रामलाल, घेवरराम, श्रवणराम, राजेश उर्फ राजू फौजी के खिलाफ जुर्म प्रमाणित कर अदालत में चार्जशीट भी पेश हो चुकी थी। रामलाल, घेवरराम व श्रवणराम तो अदालत में बराबर पेश हो रहे थे, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद से अब तक राजू उर्फ फौजी पुलिस के हत्थे ही नहीं चढ़ा तो फिर पेश कैसे होता। करीब दो साल से वह अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। इस बाबत पुलिस भी रिपोर्ट तो पेश कर रही थी, लेकिन राजू उर्फ फौजी पेश नहीं हो रहा था। राजू उर्फ फौजी की अधिवक्ता कनुप्रिया सांखला की ओर से न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि पुलिस अदालती आदेश के बाद में भी राजू उर्फ फौजी को न्यायिक अभिरक्षा में लेने के लिए जारी प्रोडक्शन वारंट जानबूझ कर पेश नहीं कर रहे हैं। इसके चलते मामले की सुनवाई रुकी हुई है। ऐसे में राजू उर्फ फौजी को न्यायिक अभिरक्षा में लेने के लिए जेसी वारंट बनाकर ऑनलाइन वीसी के जरिए उसकी पेशी सुनिश्चित की जाए।
एडवोकेट कनुप्रिया सांखला के इस प्रार्थना पत्र पर अदालत ने शनिवार को जेसी वारंट बनाकर ऑनलाइन वीसी के जरिए राजू उर्फ फौजी की पेशी पर सुनवाई की। राजू उर्फ फौजी बाड़मेर के पचपदरा का रहने वाला है। मादक पदार्थ की तस्करी, भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या समेत कई अन्य मामलों में भी वो नामजद है। इसके अलावा कोतवाली में करीब तेरह साल पहले 19 मई 2011 को खरनाल के पास मंदिरवाला होटल पर फायङ्क्षरग के मामले में भी उसकी गत पांच सितम्बर को सुनवाई थी, हालांकि वो पेश नहीं हुआ।
सूत्र बताते हैं कि जेल में बंद किसी दूसरे मामले में फरार आरोपियों की सुनवाई वीसी के जरिए ऐसे ही होगी जैसे गुरुवार को नागौर अदालत में राजू फौजी की हुई थी। संदीप उर्फ शेट्टी की हत्या के करीब नौ आरोपी ही नहीं करीब तीन दर्जन हार्डकोर क्रि मिनल या तो जेल में हैं या फरार। भरतपुर में पेशी पर जा रहे कुलदीप ङ्क्षसह जघीना की भरतपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या समेत ऐसे कई वारदातों को देखते हुए हार्डकोर अपराधियों की पेशी को वीसी के जरिए से सरकारी स्तर पर फरमान आ चुके हैं। इस फरमान में यह भी कहा गया है कि अत्यावश्यक होने पर ही अपराधियों को कोर्ट में पेश किया जाए। नागौर की अदालत में कई मामले ऐसे हैं जिनमें हार्डकोर/ गैंगस्टर बाहरी जेल में बंद हैं।
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