Nagaur. नागौर में सोमवार को 11 एमएम हुई बारिश
नागौर
Updated: June 13, 2022 10:40:15 pm
नागौर. पिछले कई दिनों से दहक रहे नागौर में सोमवार को आसमान से राहत की बूंद बरसी। नागौर में 11 एमएम बारिश का आंकड़ा रिकार्ड किया गया। तकरीबन डेढ घंटे तक चली बारिश से मौसम बदला-बदला सा नजर आया। शाम को कई दिनों बाद ठंडी हवाएं चली तो लोग राहत की सांस लेते नजर आए। अलसुबह से तेज गर्मी के साथ पूरे दिन उमस बनी रही। दोपहर बाद अपराह्न में अचानक मौसम बदलने के साथ आसमान पर बादल छा गए। अपराह्न में करीब साढ़े तीन बजे शुरू बारिश शाम को लभग साढ़े चार बजे तक होती रही। हालांकि पहले पौन घंटे तेज बरसात हुई। इसके बाद बारिश की रफ्तार धीमी जरूर हुई, लेकिन बंद नहीं हुई। शाम को साढ़े चार बजे तक बारिश होती रही। बारिश से सडक़ें तरबतर नजर आई। मुख्य मार्गों एवं संपर्क मार्गों पर कई जगह पानी भरा नजर आया। विशेष रेलवे स्टेशन रोड, कलक्ट्रेट चौराहा, मानासर चौराहा, गांधी चौक, तिगरी बाजार आदि क्षेत्रों में पानी भरे रहने से लोग परेशान तो रहे, लेकिन चेहरों पर गर्मी से राहत के भाव भी नजर आए।
इन मार्गों पर सर्वाधिक भरा पानी, बमुश्किल निकले लोग
शहर के तिगरी बाजार से अंदर की ओर के मोहल्लों में कई जगहों पर पानी भरा नजर आया। स्थिति यह रही कि घुटनों से ऊपर तक कुछ जगहों पर पानी मिला। इसके चलते लोगों को वाहन चालन में काफी मुश्किलें होती रही। इसी तरह बंशीवाला मंदिर के पास के क्षेत्रों में भी पानी भरा रहा। नया दरवाजा के पास अग-बगल के मोहल्लों में कई जगहों पर भरे पानी की निकासी नहीं होने की वजह काफी देर सडक़ें गायब नजर आई। शिवबाड़ी एवं दिल्ली दरवाजा के पास स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं रही। यहां क्षेत्र में तकरीबन 50-50 मीटर तक की सडक़ भरे पानी के कारण गायब रही। पानी की निकासी के लिए बने नालियों एवं नालों में गंदगी की वजह से घंटों लोग पानी भरे रहने से परेशान नजर आए।
जल रहे खेतों की मिट्टी हुई तर, कपास को भी राहत
पिछले कई दिनों से तप रहे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोमवार को हुई बरसात से राहत नजर आई। जिले के मेड़तासिटी, लांबा जाटान एवं गोटन आदि क्षेत्रों में पहले दोपहर में, फिर शाम को बारिश हुई। ग्रामीणों के अनुसार पहले थोड़ी देर तेज बरसात हुई तो राहत मिली, लेकिन बाद में यहां पर भी बारिश की रफ्तार धीमी हो गई। बरसात के अभाव में कई दिनों से जल खेतों की सख्त मिट्टियां बारिश की बूंद पड़ी तो नम हुई। इससे अब काश्तकारों को खेतों की जोताई आदि में राहत मिल जाएगी। कपास की बुवाई कर चुके काश्तकारों के लिए यह बारिश राहत बनकर आई। किसानों का कहना है कि बारिश भले ही ज्यादा नहीं हुई है, लेकिन इससे भी उनकी कपास की उपज को फायदा मिलेगा। काश्तकारों का कहना है कि अब लगातार तीन से चार बार तेज बारिश हो जाए तो फिर खेतों में फसल की बुवाई में इसका लाभ निश्चित रूप से मिलेगा।
आपूर्ति के लिए रेलवे स्टेशन पर रखी गेहूं की बोरियां भीगी
रेलवे स्टेशन पर खुली जगह में ट्रेन से आया लाखो टन बोरियों में भरा गेहूं भी बारिश की चपेट में आने से भीग गया। यह गेहूं एफसीआई गोदाम में जाना था। फिर इसकी जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी आदि केन्द्रों में आपूर्ति होनी थी। स्टेशन पर इसे रखे जाने के दौरान खुले में ही रख दिया गया। ऐसे में बारिश हुई तो गेहूं की सारी बोरियां बरसात की चपेट में आ गई। करीब डेढ़ घंटे तक हुई बारिश के दौरान ज्यादातर गेहूं की बोरियां पानी में भीगी नजर आई। अब बारिश के चलते गेहूं खराब हुआ तो फिर इसकी सप्लाई केन्द्रों में कैसे की जा सकेगी।
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