जिल की यह है स्थिति जिलेभर में पिछले सालभर से 2 अरब 9 करोड़ 79 लाख रूपए बकाया चल रहे हैं। ब्लॉक बकाया भैरूंदा 103.25 डेगाना 224
डीडवाना 362.55 जायल 281.47
खींवसर 274.34
कुचामन 56.92
लाडनूं 143.2 मकराना 94.21
मेड़ता 275.18 मौलासर 52.16
मूण्डवा 678.81 नागौर 194.27
नावां 32.1 परबतसर 26.39
रियांबड़ी 180.39 कुल 2979.24
प्रदेश की स्थिति प्रदेशभर में मेटों के पिछले एक साल से करीब 28 अरब तीन करोड़ 40 लाख रूपए बकाया चल रहे हैं।
जिले का नाम राशि अजमेर 1272.86 लाख अलवर 251.3 लाख बांसवाड़ा 816.32 लाख बारां 170.95 लाख बाड़मेर 6135.03 लाख भरतपुर 158.4 लाख भीलवाड़ा 1584.31 लाख बीकानेर 956.58 लाख
बुन्दी 131.76 लाख चितौडगढ़़ 289.67 लाख चुरू 2632.63 लाख दौसा 139.2 लाख धौलपुर 109.64 लाख डूंगरपुर 1259.67 लाख हनुमानगढ़ 547.63 लाख जयपुर 307.2 लाख जैसलमेर 862.4 लाख
जालौर 570.17 लाख झालावाड़ 971.51 लाख झुंझुनूं 203.08 लाख जोधपुर 1409.91 लाख करौली 451.32 लाख कोटा 162.77 लाख नागौर 2979.24 लाख पाली 408.77 लाख प्रतापगढ़ 333.54 लाख
राजसमंद 728.38 लाख सवाई माधोपुर 251.9 लाख सीकर 320.12 लाख सिरोही 274.87 लाख उदयपुर 952.26 लाख गंगानगर 476.72 लाख टोंक 220.3 लाख कुल 28340.41 बच्चों की पढ़ाई होगी प्रभावित
समय पर भुगतान नहीं मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है ऐसे में बच्चों की शिक्षण सामग्री व स्कूलों की फीस भी देनी है। ऐसे में गुगतान नहीं मिलने से घर का खर्च व बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
हारून कुरैशी, मेट, खींवसर योजना से हो रहा मोह भंग मनरेगा योजना में लगे मेटों का घर इसी नौकरी से चलता है उनके पास अन्य दूसरा कोई काम नहीं है। वेतन नहीं मिलने से चौका चूल्हा प्रभावित हो रहा है। ऐसे में मेटों का योजना से मोहभंग हो रहा है।
कैलाश पण्डित, मेट, खींवसर करवाएंगे सरकार को अवगत मेटों के भुगतान को लेकर सरकार को अवगत करवाएंगे । हालांकि प्रदेशभर में भुगतान की यही स्थिति है फिर भी पूरे प्रयास किए जाएंगे, ताकि उनका शीघ्र भुगतान हो सके।
प्रदीप ईनाणिया, विकास अधिकारी, खींवसर