scriptपरमिशन की आड़ में चूना भट्टों पर कोरोना संक्रमण का खतरा | Risk of corona infection on lime kilns under the guise of permissions | Patrika News

परमिशन की आड़ में चूना भट्टों पर कोरोना संक्रमण का खतरा

locationनागौरPublished: Apr 12, 2020 11:04:37 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

खींवसर। कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन कर सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए सरकार ने लोगों के घर से निकलने तक पाबंदी लगा रखी है दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा खनन को लेकर जारी आदेश से ग्रामीणों के जीवन पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है।

CORONA BENGAL ALERT: बुजुर्गों ने कहा--कोरोना पर मारेंगे बाजी

CORONA BENGAL ALERT: बुजुर्गों ने कहा–कोरोना पर मारेंगे बाजी

सवाईसिंह हमीराणा

खींवसर। कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन कर सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए सरकार ने लोगों के घर से निकलने तक पाबंदी लगा रखी है दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा खनन को लेकर जारी आदेश से ग्रामीणों के जीवन पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। राज्य सरकार के आदेश पर राज्य में खनन पट्टों व चून्ना भटटें पर मजदूर बिना सोशल डिस्टेंसिंग के दिन-रात काम रहे हैं। राज्य सरकार की अनुमति की आड़ में खनन पट्टाधारक भट्टों पर लॉक डाउन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रहे है, जिससे कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि खींवसर में संचालित खनन व चूना भट्टों पर बड़ी तादाद में स्थानीय मजदूर बाहर से आए मजदूरों के साथ कार्य करते हैं। इस दौरान वे एक दूसरे के सम्पर्क में आते हैं। स्थानीय मजदूर काम के बाद अपने घर लौटते हैं जिससे उनके परिवार व गांव के लोगों के उनके सम्पर्क में आने से कोरोना संक्रमण बढऩे का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों द्वारा गत दिनों प्रशासन को शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
यह है आदेश

राज्य सरकार के आदेश के अनुसार पट्टेधारक द्वारा खनन कार्य के समय भारत व राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के आदेशों की पालना करनी होगी, श्रमिकों के लिए मेडिकेटेड सेनेटाइजर, साबुन, मास्क एवं वांछनीय सुरक्षा उपकरण रखने होंगे, यदि खननकर्ता द्वारा खनन परिसर में श्रमिकों को रोका जाता है तो श्रमिकों के रूकने, सोने एवं दैनिक जीवन यापन के सभी इंतजाम करने होंगे, पट्टाधारक द्वारा कोराना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी सभी उपाय अपनाने होंगे। खनन परिसर में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान एवं कार्य समाप्ति के बाद भी अनुमत परिसर में निर्धारित दूरी बनाकर सोशल डिस्टेंस प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ सभी प्रोटोकॉल की पालना करनी होगी। किसी श्रमिक में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने पर अविलम्ब पट्टाधाकर को चिकित्साक विभाग को सूचित करना होगा। खनन पट्टाधारक द्वारा सुबह 6 बजे से सांय 7 बजे तक खनन का कार्य तथा 8 बजे तक खनिज निर्गमन किया जाएगा।
ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन

ग्रामीणों ने गत दिनों उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन भेजकर बताया कि चूना भटï्टा, खनन एवं औद्योगिक ईकाइयों में अन्य प्रांतों के करीब दो हजार से अधिक मजदूर काम करते हैं। ऐसे में कोरोना के नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ रही है। लॉक डाउन के बावजूद जिला कलक्टर की स्वीकृति पर कई औद्योगिक ईकाइयां चल रही है, ऐसे में कौन कहां से आ रहा है कहां जा रहा है किसी को पता नहीं है। इस हालात में संक्रमण का खतरा ग्राम वासियों पर मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि वाहनों के आने जाने का रास्ता गांव के बीच से गुजरता है ऐसे में दिनभर कैमिकल एवं बिल्ंिडग मेटेरियल को लेकर यहां से ट्रक देश के अनेक प्रांतों में जाते हैं और वापस आते समय कई आदमी इनमें सवार होकर आ जाते हैं। ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति वहां से संक्रमित होकर आया तो यहां महामारी फैल जाएगी।
भयभीत है ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि इन भट्टों के पास रहवासी ढाणियां है, जिनकी दूरी सौ मीटर से भी कम है। इन्हीं ढाणियों में से यह मजदूर दूध, छाछ लेने जाते हैं तथा भट्टों के पास ही पेयजल का मुख्य स्त्रोत तालाब स्थित है। इसी तालाब से ग्रामीण पानी पीते हैं। न कोई चिकित्सा सुविधा और न ही कोई सेनिटाइजर किट की व्यवस्था है। यहां काम करने वाले मजदूरों को इस बारे में जानकारी तक नहीं है। यह लोग खाद्य आपूर्ति की परमिशन के नाम पर वाहनों में केमिकल एवं अन्य सामग्री लाई जा रही है।
बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का खतरा

लॉक डाउन में भी खनन पट्टों व चूना भट्टों पर बड़ी तादाद में श्रमिक कार्य कर रहें है। गांव में दिनभर अन्य राज्यों व जिलों से ट्रकों का आवाजाही लगी रहती है जिसमें अन्य प्रांतों से श्रमिक आते है जिससे गांव में कोरोना का खतरा बढ़ गया है।
गिरधारीसिंह राजपुरोहित, पूर्व सरपंच, भावण्डा

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