आइये समझते हैं क्या है वो तीन चाल जो हनुमान बेनीवाल के लिए चुनावी महाभारत में चक्रव्यूह जैसी है… 1 बोतल के चुुुुनाव चिन्ह पर बाहरी #HanumanBeniwal का चुनाव मैदान में उतरना – आमजन में चर्चा है कि बाहरी हनुमान बेनीवाल को बोतल के चुनाव चिन्ह पर एक रणनीति के तहत चुनाव मैदान में लाया गया है. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने नागौर में वार्ड पंच तक का चुनाव नहीं लडा हो, उसका सीधे सांसद के चुनाव में आना और वह भी खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल की पार्टी के पुराने चुनाव चिन्ह से, एक राजनीतिक चाल ही लगती है.
2 बसपा प्रत्याशी का अचानक मैदान छोड देना- बसपा प्रत्याशी मुुश्ताक खान का नामांकन दाखिले के अंतिम दिन अचानक कांग्रेस को समर्थन कर देना और अपना नामांकन वापस लेना, एक ऐसी रणनीतिक चाल है कि बसपा के पास दूसरा प्रत्याशी उतारनेे का वक्त न रहे.
3 भाजपा की पूर्व प्रदेश मंत्री और नागौर नगर परिषद की पार्षद सरोज प्रजापत का चुनाव मैदान में आना- प्रजापत के चुनाव मैदान में होने का भी बेनीवाल विरोधियों की चाल के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि प्रजापत के मैदान में रहने से जो भी नुकसान होगा वह बेनीवाल का ही होगा.
अब ऐसे में यह देखा जा रहा है कि हनुमान बेनीवाल इस नुकसान को कैसे कवर करते हैं.