इस मामले में फ्यूचर जनरल इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लि. की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अशोक पण्डित ने बीमित वाहन की उक्त दुर्घटना में लिप्तता को लेकर कई सवाल उठाते हुए गहरी आपत्ति जताई। अधिवक्ता ने अपनी आपत्तियों को साबित करने के लिए साक्ष्य के दौरान घटना का रोजनामचा, अखबार खबर की कतरनें और वाहन सुपुर्दगी पेश कर अधिकरण को अवगत करवाया कि उक्त दुर्घटना की एफआईआर अज्ञात वाहन के विरुद्ध पेश होने के बाद में बीमित वाहन के विरुद्ध आपसी मशविरा के बाद गलत चालान पेश हुआ है। उक्त दुर्घटना के रोजनामचे में भी बीमित वाहन का जिक्र नहीं है और अखबार में छपी खबर में भी बीमित वाहन के चालक का नाम और वाहन के नम्बर अंकित नहीं है। इन सभी दस्तावेजों के अनुसार स्वयं लापरवाही से अपनी मोटरसाइकिल से गिरने के कारण उसकी मृत्यु हुई है।
मृतक के परिजनों ने दावा राशि प्राप्त करने के लिए बोलेरो चालक के विरुद्ध मिलीभगत कर चालान पेश करवाया था और प्रार्थी ने घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह के बयान नहीं करवाए। इस कारण अधिकरण ने दावा खारिज किया और उक्त दुर्घटना के पुलिस जांच अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा है।