खींवसर विधायक बेनीवाल ने विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीणों द्वारा पिछले कई वर्षों से की जा रही मांग को ध्यान में रखते हुए दी गत दिनों पीडब्ल्यूडी को गौरव पथ व मिसिंग लिंक सड़कों के प्रस्ताव भिजवाए थे, लेकिन अधिकारियों ने हाल ही जारी स्वीकृति आदेश में गौरव पथ के विरुद्ध मिसिंग लिंक की सड़कें स्वीकृत करते हुए उनकी लम्बाई कम कर दी।
खींवसर विधानसभा क्षेत्र के ओलादन निवासी रामाकिशन बटेसर सहित कड़वासरों की ढाणी निवासी पंकज, भावण्डा निवासी देरामराम, बलाया निवासी निम्बाराम एवं गिरावंडी निवासी मनीराम ने गत वर्ष पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जा रहे भेदभाव को लेकर जोधपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए गत 2 जुलाई को राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित पीडब्ल्यूडी अधिकारियों एवं नागौर कलक्टर को आदेश दिए कि गौरव पथ व मिसिंग लिंक सड़कों की स्वीकृतियां जारी करते समय स्थानीय विधायक की अनुशंषा को प्राथमिकता दें। इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों द्वारा विधायक की अनुशंषा दरकिनार करने पर याचिकाकर्ता रामाकिशन ने कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर न्यायालय के आदेशों की पालना करवाने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने न्यायालय के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने हाल ही हास्यास्पद तरीके से सड़कों की स्वीकृतियां जारी की हैं। अधिकारियों ने खींवसर विधानसभा क्षेत्र के खजवाना-ढाढरिया कलां सड़क की लम्बाई 4 किलोमीटर होने के बावजूद 2.5 किमी जारी की। ऐसे ही ग्वालू-झुझण्डा की दूरी 8 किलोमीटर होने के बावजूद 2.5 किमी, हिलौड़ी-भटनोख की दूरी 3.5 किमी की बजाय 2.5 किमी, देशवाल-मंडा की ढाणी की दूरी 3 किमी होने के बावजूद 2.5 किमी, रोल चांदावता से रियां श्यामदास वाया जोगीमगरा होते हुए 4 किमी की बजाय 2.5 किमी जारी की है।
अधिकारियों ने हठधर्मिता करके मिसिंग लिंक व ग्रामीण गौरव पथ के मापदंडों को दरकिनार करके नियम विरुद्ध स्वीकृतियां जारी की हैं। यह जनता का पैसा है, जिसका अधिकारी दुरुपयोग कर रहे हैं। पूर्व में भी स्थानीय लोगों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की, जिसमे न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि व्यक्तिगत हित को साधने के लिए पद व पॉवर का दुरुपयोग न करें और स्थानीय विधायक की अभिशंषा को प्राथमिकता दी जाए। इसके बावजूद अधिकारी नहीं माने और मनमानी पर उतारू हैं। स्थानीय लोग दुबारा कोर्ट गए और न्यायालय के आदेश के बावजूद स्थानीय विधायक की अभिशंषाओं को दरकिनार किया गया। जनता की प्राथमिकता को तव्वजो नहीं दी गई तो कोर्ट में जिम्मेदारों के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई जाएगी।
– हनुमान बेनीवाल, विधायक, खींवसर