रोडवेज बसों से बाहरी राज्यों के श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा संख्या मध्यप्रदेश के 42 हजार श्रमिकों की है। जिन्हें मुरैना, शिवपुरी, गुना व मंदसौर जिलों तक छोड़ा गया। इसके बाद उत्तरप्रदेश के 33 हजार श्रमिकों को आगरा, मथुरा व हाथरस जिलों तक पहुंचाया गया। हरियाणा व उत्तराखंड के श्रमिकों की संख्या भी ज्यादा रही। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात व छत्तीसगढ़ राज्य के श्रमिक भी रोडवेज बसों से भेजे गए।
सिरोही-जालोर व डूंगरपुर से भी
अन्य राज्यों से राजस्थान वापस आने वाले श्रमिकों में सबसे ज्यादा संख्या गुजरात की है। गुजरात के विभिन्न जिलों एवं दक्षिण भारत के प्रांतों से आकर गुजरात सीमा पर अटके करीब बारह हजार श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए रोडवेज बसें लगाई गई। रोडवेज रिकॉर्ड के अनुसार गुजरात सीमा से सटे डूंगरपुर, सिरोही व जालोर जिले से इन श्रमिकों को रोडवेज बसों में बैठाकर गंतव्य तक पहुंचाया गया।
प्रदेश में करीब 82 हजार श्रमिकों को राजस्थान में आने के लिए या यहां से जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग किया गया। इसके लिए बसों को रेलवे स्टेशन से जोड़ा गया। अभी तक राजस्थान में आई 50 ट्रेनों में 40 हजार लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया गया। इसी प्रकार राजस्थान से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों को जाने वाली रेलगाडिय़ों से श्रमिकों को राजस्थान के कोने-कोने से बसों के माध्यम से लाकर ट्रेन में बैठाया गया।
गत माहभर में ही एक लाख 82 हजार से ज्यादा श्रमिकों को घर तक पहुंचाया है। बाहरी राज्यों से राजस्थान तथा बाहर के श्रमिकों को राजस्थान से उनके घरों तक पहुंचाने में रोडवेज बसों की महत्ती भूमिका रही है। इसके लिए विभिन्न जिलों व राज्यों के लिए रोडवेज बसों का प्रबंध किया गया।
– नवीन जैन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजस्थान रोडवेज, जयपुर