scriptचातुर्मास शुरू होने पर साधक को सजग हो जाना चाहिए | Sadhak should be alert when Chaturmas starts | Patrika News

चातुर्मास शुरू होने पर साधक को सजग हो जाना चाहिए

locationनागौरPublished: Jul 23, 2021 09:36:25 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. जयमल जैन पौषधशाला में चातुर्मासिक कार्यक्रम की हुई शुरुआत,

Sadhak should be alert when Chaturmas starts

Nagaur. Shravikas involved in Chaturmas program in Poushdhashala under the aegis of Jaimal Jain Shravak Sangh

नागौर. चातुर्मास के प्रारंभ होते ही साधक को सजग हो जाना चाहिए। ताकि वह लक्ष्य निर्धारित करने के साथ साथ आवश्यक पूर्ण तैयारी कर सके। साध्वी बिंदुप्रभा शुक्रवार को श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में आचार्य जयमल जैन मार्ग स्थित जयमल जैन पौषधशाला में चातुर्मासिक शुरू होने के अवसर पर श्रद्धालुुओं को चातुर्मास की महत्ता समझा रही थी। साध्वी ने कहा कि वर्षावास के यह चार महीनें आध्यात्मिक और भौतिक दोनों ही दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। चातुर्मास में वर्षा होने पर किसान आनंद विभोर होकर, आलस्य प्रमाद को छोड़ ,नई चेतना के साथ खेतों में पहुंच कर कठिन परिश्रम करते हैं। इन चार महीनों में मेहनत के फलस्वरूप अच्छी फसल मिलती है। शेष आठ महीनें आराम में व्यतीत होता है। इसमें भी प्रमाद कर लिया अगर तो पूरा वर्ष व्यर्थ चला जाता है। ठीक इसी प्रकार हमारा जीवन भी एक खेत है। चातुर्मास काल में धर्म का बीजारोपण करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त होता है। साध्वी ने अनेक प्रकार के त्याग व्रत प्रत्याख्यान के लिए प्रेरणा दी। चातुर्मास के उद्देश्य को समझाते हुए साध्वी ने कहा कि प्राणी मात्र पर अनुकम्पा भाव रखने, जीव रक्षा के लिए एवं स्व और पर कल्याण का लक्ष्य सिद्ध करने के लिए चातुर्मास काल होता है। इसके पूर्व जयगच्छीय जैन साध्वी बंदुप्रभा एवं साध्वी हेमप्रभा के सानिध्य में सुबह प्रार्थना की गयीं।
धार्मिक प्रश्नोत्तरी का हुआ आयोजन
प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर महावीरचंद भूरट, किशोर सुराणा, सरोजदेवी चौरडिय़ा, प्रेमलता ललवानी ने दिए। सभी विजेताओं को हस्तीमल, मूलचंद, चिराग ललवानी की ओर से पुरस्कृत किया गया। ज्ञानचंद माली एवं रीता ललवानी ने भजन प्रस्तुत किया। सभी को जयमल जैन श्रावक संघ ने प्रभावना वितरित की। अतिथियों के भोजन का लाभ हस्तीमल, मूलचंद, चिराग ललवानी ने लिया। दोपहर डेढ़ बजे से ढाई बजे बजे तक महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया गया। इसकी प्रभावना पुखराज, दिनेशकुमार पींचा द्वारा दी गयीं। दोपहर ढाई बजे से तीन बजे तक साध्वी वृंद ने श्रावक-श्राविकाओं को ज्ञान-ध्यान सिखाया गया। संचालन संजय पींचा ने किया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि सूर्यास्त पश्चात पुरुष वर्ग का प्रतिरमण जयमल जैन पौषधशाला में एवं महिला वर्ग का प्रतिरमण घोड़ावतों की पोल के सामने स्थित रावत स्मृति भवन में हुआ। इस मौके पर अमीचंद सुराणा, मांगीलाल बोहरा, नौरतन सुराणा, राजेंद्र ललवानी, पार्षद दीपक सैनी सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो