नागौर

फिल्म साको 363 के निर्देशक सिरवी ने लगाया कंपनी से प्रोजेक्ट हथियाने का आरोप

खेजड़ली बलिदान पर आधारित फिल्म साको 363 के निर्देशक सिरवी पहुंचे नागौर, एसपी को दिया ज्ञापन, थाने में दर्ज करवाए बयान

नागौरDec 05, 2017 / 11:08 am

Dharmendra gaur

film SAKO 363 in controversy

नागौर. खेजड़ली बलिदान पर्यावरण को बचाने का संदेश देने वाली करोड़ों की लागत से बनने वाली फिल्म साको 363 रिलीज होने से पहले एक बार फिर विवादों में है। पहले जहां फिल्म निर्देशक कल्याण सिरवी पर साको फिल्म को कान्स फेस्टिवल में बेचने का आरोप श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के प्रदेशाध्यक्ष रामरतन विश्नोई ने लगाया था वहीं अब सिरवी ने पूरे मामले से पर्दा उठाते हुए फिल्म को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। सोमवार को नागौर पहुंचे सिरवी ने विश्नोई समाज के कुछ मोजीज लोगों के साथ जिला पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपकर उनके खिलाफ श्रीबालाजी थाने में दर्ज प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। स्र
प्रोजेक्ट छीनने की कोशिश
ज्ञापन देने के बाद मीडिया से रुबरू हुए सिरवी ने कहा कि धोखाधड़ी उन्होंने नहीं कि बल्कि उनके साथ धोखा हुआ है और उनके प्रोजेक्ट को छीनने व उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास भी किया जा रहा है, जिसके सबूत उनके पास मौजूद है। सिरवी ने कहा कि 2013 में उन्होंने मरुधरा फिल्मस फर्म की शुरुआत कर 1.29 करोड़ रुपए लगाकर फिल्म साको-363 का निर्माण शुरू किया। बाद में और राशि की जरुरत होने पर नागौर के रामरतन विश्नोई ने उनकी संस्था की ओर से पैसा लगाने की बात कही।
मुनाफे का लालच देकर लिए रुपए
सिरवी का आरोप है कि विश्नोई ने 2 महीनों में 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था करने की बात कही लेकिन एक साल बाद भी कंपनी को एक रूपया नहीं दिया। उधर, समाज के कुछ लोगों से एक-एक लाख रुपए इस शर्त पर लिए गए कि फिल्म रिलीज होने के बाद उनकी मूल राशि के साथ अतिक्ति पैसा भी दिया जाएगा। मई 2015 में विश्नोई से 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था करने की बात कहने पर उन्होंने महज 10 लाख रुपए कंपनी के खाते में डाले। सिरवी ने कहा कि कंपनी का काम करने के लिए उनके हस्ताक्षर वाली चेकबुक भी रामरतन विश्नोई को दी, जो अभी भी उनके पास है।
4 करोड़ नहीं, 25 लाख दिए
सिरवी ने आरोप लगाया है कि विश्नोई ने चेक बुक काम में नहीं ली और संस्था के पैसे खर्च कर दिए। बाद में पता चला कि 4 करोड़ की जगह मात्र 25 लाख से फिल्म शुरू करवाने व कंपनी को पैसा नहीं देने की धोखाधड़ी की है। रामरतन से एकाउंट देने व रसीदकर्ताओं की जानकारी मांगी लेकिन विश्नोई ने टालमटोल करते हुए सवा साल निकाल दिए। इससे कंपनी का नाम, पैसा व समय व्यर्थ हो गया। फिल्म के मुम्बई पहुंचने पर रामरतन ने अकेले ही मालिक बनने के लिए कंपनी से प्रोजेक्ट छीनने की कोशिश की।

केस करने की धमकी दी
सिरवी ने आरोप लगाया है कि जब रामरतन कंपनी के मालिक बनने में सफल नहीं हुए तो उन्होंने उसे धमकी दी कि वह उसके खिलाफ अलग-अलग जगह केस करेगा और पुलिस को भी जैसे-तैसे टेकल कर लेगा। रामरतन ने कंपनी व समाज दोनों के साथ धोखा किया है। उसने कंपनी के खाते में केवल 25 लाख रुपए जमा कराए जबकि फिल्म के नाम पर समाज के लोगों से ली गई राशि का कोई हिसाब किताब नहीं है। सिरवी ने लिखा है कि रामरतन ने संस्था व कंपनी के बीच हुए एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया जिसके चलते अनुबंध 2015 में निरस्त हो गया।
सामने आए मामले का सच
इस पूरे मामले में बिश्नोई समाज की अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहिबराम बिश्नोई, शिवराज बिश्नोई सहित समाज के लोग एएसपी राजकुमार चौधरी से मिले और पक्ष रखा। समाज के लोगों का कहना है कि मामले का सच सामने आना चाहिए और यह झगड़ा कुछ लोगों का है, इसमें समाज को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि गत दिनों रामरतन बिश्नोई ने कल्याण सिरवी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया था। जिसमें कल्याण सिरवी पर फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवेल में बेचने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया था।
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