निदेशालय के फरमान की खानापूर्ति में लगा माध्यमिक शिक्षा विभाग
केस नंबर एक: मेवड़ा
दो दिनों से लगातार हो रही बरसात की वजह से मेवड़ा सीनियर सेकण्ड्री स्कूल परिसर में पानी भरा हुआ है। स्कूल में जाने के लिए बच्चों को परिसर में बरसात की वजह से बने तालाब से होकर जाना पड़ रहा है। बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हालत में है। छोटे बच्चों के लिए यहां पर जाने की स्थिति ही नहीं है।
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केस नंबर दो: पादूकलां
स्कूल में भवन जर्जर है। सडक़ तल से नीचे होने से पानी की निकासी नहीं होने से परिसर पानी से लबालब भरा हुआ है। जिसके चलते कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे है। पानी भराव के कारण प्राथमिक के बच्चों को छुट्टी कर दी गई है।
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केस नंबर तीन: मेड़तासिटी
भूरियासनी विद्यालय में चौतरफा पानी भरा है। विद्यार्थियों को पानी के बीच से विद्यालय में पहुंचना पड़ रहा है। वहीं विद्यालय के एक कक्षा-कक्ष की पट्टियों में दरार होने से वर्षा का पानी भर जाता है।
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केस नंबर चार: मेड़तासिटी
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में भी चारों तरफ पानी भरा हुआ है। यहां वर्षा पानी भरने के बाद एक डंपर मिट्टी डालकर के छात्रावास में आने-जाने के लिए पगडंडी मार्ग बनाया गया है। इसी तरह की स्थित शारदे बालिका छात्रावास में है। जहां विद्यार्थियों को पानी से होकर ही स्कूल जाना पड़ रहा है।
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यहां पर भी हैं बिगड़े हालात
जिले के नथावडा स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है, लेकिन शिक्षा विभाग को पता नहीं है। बारिश के दौरान यहां पर स्कूल अघोषित तौर पर बंद हो जाता है। हालात इतने खराब रहते है कि बरसात के दौरान जाना ही मुश्किल रहता है।- बिखरनियाकला स्कूल भी सडक़ तल से काफी नीचा होने से बारिश का पानी बरामदों तक पहुंच जाता है। यहां बच्चे पढ़ाई तो कम बारिश के पानी को बाल्टियां लेकर निकासी करने में लग जाते है। यहां भी भवन काफी पुराना जर्जर एवं क्षतिग्रस्त होने की वजह से हालात खराब रहते हैं। गवारडी स्कूल में पूरी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है। यहां हल्की बारिश होने पर बच्चों को छुट्टी कर दी जाती है। बच्चों को बैठाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
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छतों से टपकता पानी
रियांबड़ी ब्लॉक में 35 स्कूल हंै। दो दिनों से लगातार हुई बारिश की वजह से यहां पर स्थापित 75 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों की संख्या में कमी आ जाती है। कई स्कूलों के परिसर में पानी भरे होने के कारण बच्चे इन दिनों स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। स्थिति यह है कि राजकीय स्कूलों में ज्यादातर की छतों से न केवल पानी टपक रहा है, बल्कि दीवारों के अंदर जमा हुआ पानी हादशे की आशंका से डराता रहता है।
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स्कूलों में पानी, अधिकारियों का आल इज वेल का दावा
मेड़ता ब्लॉक में 212 सरकारी संस्थाए है। जिनमें से ग्रामीण क्षेत्र की राजकीय उत्कृष्ठ उच्च प्राथमिक विद्यालय भूरियासनी तथा मेड़ता शहर स्थित कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं छात्रावास व राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के शारदे बालिका छात्रावास में वर्षा के चलते यहां अध्यनरत्त विद्यार्थियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ब्लॉक शिक्षा कार्यालय के आरपी मुरलीधर राकांवत ने बताया कि इसके अतिरिक्त ब्लॉक क्षेत्र की 10 से 15 स्कूले ऐसी है, जहां वर्षा के दिन पानी के चलते विद्यालय में प्रवेश नहीं हो सकता है। वर्षा रुक जाने के बाद अगले दिन से विद्यालय भवन फिर सामान्य हो जाता है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी लाउडीस्पीकर की तर्ज पर आल इज वेल का दावा करने में लगे हुए हैं।
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इनकी भी हालत खराब
जिले के मकराना, डीडवाना, डेगाना, डीडवाना, जायल, खींवसर, कुचामन आदि के ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश की वजह से स्थिति खराब है, लेकिन शिक्षा विभाग की नजरों में उनके पास बारिश के दौरान पढ़ाई से प्रभावित स्कूलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। Nagaur patrika latest news