आजादी के बाद रियांबड़ी कस्बे में बस स्टैंड के नजदीक प्राथमिक पाठशाला संचालित हो रही थी। पंचायतीराज की स्थापना के साथ ही रियांबड़ी के प्रथम सरपंच ठाकुर गणपतसिंह ने पंचायत समिति को भूमि दान करने के साथ ही प्राथमिक विद्यालय के लिए यहां चार कमरे बनवाए। इन चार कमरों में ही अध्ययन शुरू किया। शिक्षक रामस्वरूप जोशी ने बताया कि वर्ष 1965 तक विद्यालय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के रूप में संचालित होता रहा। इसके बाद माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। 1968 में नए भवन में संचालित होने लगा। विद्यालय के लिए जगह एवं भवन निर्माण की आवश्यकता महसूस हुई। रियांबड़ी के रायका बाग स्थित जमीन पर सरपंच मूलचंद लाहोटी, ग्रामीणों एवं प्रवासियों की मदद से 5 कमरों का निर्माण करवाया गया। इसके बाद यह सिलसिला जारी रहा और करीब 45 कमरों का निर्माण हो गया। जिसमें अब उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहा।पट्टे की थी मांग
स्कूल को पटटा जारी कराने की लंबे समय से मांग थी। कभी स्थानीय तो कभी जिला स्तर पर फाइलें गुम होने व अटकने के कारण पट्टा मिलने में विलंब हुआ। ग्रामवासियों ने उपखण्ड अधिकारी गौरीशंकर शर्मा के सामने यह मांग रखी। अब विद्यालय, नजदीक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय व सीबीइओ कार्यालय के लिए पट्टा जारी कर दिया गया।