शहर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शिक्षकों को समझाया, कैसे बदल जाएगी स्कूलों की तस्वीर
नागौर. राजस्थान पत्रिका एवं जिला प्रशासन की संयुक्त मुहिम का असर दिखने लगा है। संस्था प्रधान एवं शिक्षकों को इससे जोडऩे के प्रयास को गति मिलने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को शहर के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में ग्रीष्मकालीन शिविर में शिक्षकों के नए ग्रुप के समक्ष इस पर चर्चा हुई
। सर्वशिक्षा अभियान के अतिरिक्त परियोजना समन्वयक गोपाल प्रसाद मीणा ने बताया कि शिविर में शिक्षकों को उ्द्देश्य के साथ ही शिक्षण संस्थान को बेहतर स्वरूप में बदलने की मुहिम से जुड़े दस सूत्रों पर भी चर्चा हुई
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ब्लॉक के प्रारंभिक शिक्षाधिकारी महिपाल सांदू ने कहा कि शिक्षक व संस्था प्रधान ड्रेस कोड में आएंगे तो खुद पहचान स्थापित होने के साथ ही इनके माध्यम से होने से वाले अन्य लाभों के बारे में भी शिक्षकों को समझाया । शिविर प्रभारी अर्जुनराम जाजड़ा ने बताया कि शिविर की रूपरेखा पर चर्चा हुई।
सभी सरकारी भवनों का रंग एक जैसा हो।
शिक्षक गणवेश में नजर आएं। गले में परिचय पत्र टंगा हो।
शुरूआती कक्षाओं में डिजिटल क्लास रूम बने।
शुरूआती कक्षाओं में खेल-खेल में सीखे पद्धति अपनाई जाए। कक्षाओं में शैक्षिक पेंटिग्स कराई जाए। जैसा कि निजी स्कूलों के प्ले ग्रुप के लिए होती है।
क्लीन स्कूल, ग्रीन स्कूल होना चाहिए ( हर स्कूल के मैदान में पौधरोपण हो, बच्चों को सफाई के लिए शुरू से ही प्रेरित किया जाए। स्कूल में डस्टबिन हो)
संगीतमय प्रार्थना सभा हो। हर दिन विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति की क्षमता को उभारने के लिए उन्हें प्रार्थना सभा में सुभाषित या थॉट ऑफ द डे, बोलना सिखाया जाए।
वालंटियर टीचर ( जिन स्कूलों के शिक्षकों की कमी हो वहां गांव, कस्बे या शहर के शिक्षित युवाओं को वालंटियर टीचर के रूप में जोड़ा जाए, ताकि शिक्षण
कार्य प्रभावित न हो)
सप्ताह में एक दिन स्पोर्टस ट्रेनर को बुलाकर अलग-अलग खेलों की बारीकियां सिखाना। स्वतंत्रता दिवस के लिए मार्च पॉस्ट की तैयारी।
हर शनिवार किसी ओरेटर (प्रेरक व्यक्तित्व) या सेलीब्रिटी को विद्यार्थियों से रूबरू कराया जाए। ताकि उनके संघर्ष व सफलता की कहानी से बच्चे प्रेरित हो सके।
स्कूल में पढकऱ आईएएस, आईएफएस, आईपीएस, आरएएस, आरजेएस, डॉक्टर्स, इंजीनियर, सफल राजनेता (कम से कम विधायक, सांसद बने हों, लेकिन दागी न हों) के नाम रोल मॉडल के रूप में स्कूल के बोर्ड पर लिखे हों।
नव क्रमोन्नत शिक्षण संस्थानों को चेतायानागौर. जिले में उच्च प्राथमिक विद्यालयों से माध्यमिक विद्यालयों में नव क्रमोन्नत हुए 40 शिक्षण संस्थानों से शाला दर्पण पर विद्यालय से जुड़ी समस्त जानकारियां जल्द ही दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक ब्रह्माराम चौधरी ने बताया कि डीडवाना एक, डेगाना-जायल के दो, खींवसर के तीन, कुचामन के दो, लाडनू के एक, मकराना के पांच, मेड़तासिटी के तीन, मौलासर के एक, नागौर के छह, नावां के चार, परबतसर के पांच, रियां के पांच उप्रावि से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुए थे। इन्हें लिखित रूप से अवगत करा दिया गया है कि विद्यालयों की फोटो के साथ शिक्षक, बच्चे एवं विद्यालय के भौतिक स्वरूप सहित समस्त जानकारियां यथासमय शाला दर्शन पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।