एसडीएम चौधरी हुए सख्त, खनिज अभियंता को याद दिलाए नियम, 10 दिन में मांगा जवाब
जिला कलक्टर के निर्देश पर पूर्व में लिखे गए पत्रों का हवाला देते हुए मांगा स्पष्टीकरण
- जिले में अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई में लीपापोती बरतने पर खनिज विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

नागौर. जिले के खींवसर क्षेत्र के भावण्डा में बुधवार को लाइमस्टोन के खनन को लेकर राजस्व विभाग व खनिज विभाग की द्वारा की गई कार्रवाई में मतभेद सामने आने के बाद गुरुवार को नागौर उपखंड अधिकारी अमित कुमार चौधरी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए नागौर के खान एवं भू-विज्ञान विभाग के खनिज अभियंता को न केवल पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है, बल्कि खान विभाग के नियमों की भी याद दिलाई है। उपखंड अधिकारी ने खनिज अभियंता को लिखे पत्र में संदेह जाहिर करते हुए कहा कि क्षेत्र में अवैध खनन खनिज विभाग के मौके पर उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। उधर, खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार अवैध खनन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई हो तो बेहतर रहेगा, जिसमें खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी साथ रहें। अकेले किसी विभाग द्वारा कार्रवाई करने पर इसी प्रकार गफलत होगी।
गौरतलब है कि 7 अप्रेल को भावण्डा में की गई कार्रवाई में राजस्व विभाग व खनिज विभाग के बीच समन्वय का अभाव दिखा। इसको लेकर नागौर पत्रिका के 8 अप्रेल के अंक में ‘फोरमैन ने कहा वैध लीज, एसडीएम का जवाब आप चाहे सीएम से कर लें बात कार्रवाई तो होगी’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ। समाचार प्रकाशित होने के बाद नागौर उपखंड अधिकारी चौधरी ने उपखण्ड क्षेत्र नागौर एवं खींवसर में हो रहे अवैध खनन को लेकर नागौर खनिज अभियंता को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने 11 सितम्बर 20202 व 17 सितम्बर 2020 को खनिज अभियंता को लिखे पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि बार-बार निर्देशित करने के बावजूद लीजधारकों द्वारा नियमों की अवहेलना की जा रही है।
क्या था पत्रों में
नागौर उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने 11 सितम्बर 2020 को जिला कलक्टर द्वारा दिए गए आदेश का हवाला दिया, जिसमें कलक्टर ने जिले में चल रहे अवैध खनन की रोकथाम के लिए संयुक्त अभियान चलाए जाने के लिए राजस्व विभाग, खान विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। जिला कलक्टर के निर्देश पर उपखंड अधिकारी ने खनिज अभियंता को दो बार पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने उपखंड अधिकारी खींवसर के साथ ग्राम माणकपुर के खनन क्षेत्रों का दौरा किया। दौराने निरीक्षण यह पाया गया कि किसी भी लीजधारक द्वारा किसी भी प्रकार का सीमांकन एवं मुटाम नहीं किया हुआ है, जिससे यह पता नहीं चलता कि लीजधारक के कितने क्षेत्रफल में लीज स्वीकृत है। साथ ही सामान्यत: लीजधारक द्वारा लीज क्षेत्र से ज्यादा क्षेत्र में खनन किया जा रहा है एवं लीज शर्तों का पूर्णतया उल्लघंन किया जा रहा है।
पालना नहीं करने का आरोप
उपखंड अधिकारी चौधरी ने गुरुवार को लिखे पत्र में बताया कि उन्होंने उपरोक्त तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए खनिज अभियंता को निर्देशित किया गया था कि 10 दिवस में लीजधारकों की सूची मय स्वीकृत लीज क्षेत्र का क्षेत्रफल भिजवाएं एवं साथ ही प्रत्येक लीजधारक को खाने के चारों ओर मुटाम बनाने व उस पर क्षेत्रफल अंकित करवाने व लीज की अनुबंधित शर्तों की पालना सुनिश्चित करवाएं। लेकिन उन्होंने (खनिज अभियंता) 15 सितमबर 2020 को पत्र लिखकर तहसील नागौर व मूण्डवा में स्वीकृत खनन पट्टों की मात्र सूची दी, अन्य कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने (एसडीएम) 17 सितम्बर 2020 को फिर पत्र लिखकर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया, लेकिन आप (खनिज अभियंता) द्वारा न कोई कार्रवाई अमल में लाई एवं न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया गया।
वाहनों को इसलिए किया जब्त
उपखंड अधिकारी ने बताया कि जिला कलक्टर ने 7 अप्रेल को आदेश जारी कर ओवरलोड/ ओवरस्पीडिंग वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 7 अप्रेल को भावण्डा खान से जब्त संसाधन व वाहन ओवरलोड, बिना नम्बर प्लेट, बिना इंशोरेंस एवं नियमानुसार किसी प्रकार के कोई भी दस्तावेजात नहीं पाए जाने पर जब्त किए। साथ ही राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 के तहत प्राप्त नियम एवं शर्तों का भी किसी प्रकार से कोई पालन नहीं किया जा रहा है, जिस पर पुलिस विभाग एवं यातायात विभाग से कार्यवाही अपेक्षित है।
चौधरी ने कहा - एसडीएम ही सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी
चौधरी ने पत्र में बताया कि उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है, जो इस तरह से हो रहे अवैध खनन कार्यों को रोकने के लिए अधिकृत है एवं उक्त कार्यवाही उपखण्ड अधिकारी खींवसर एवं उनके द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। लेकिन खनिज विभाग के अधिनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों ने विभाग एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करते हुए अपनी प्रशासनिक क्षमता से अधिक, बेबुनियाद, उच्चाधिकारियों की छवि को धूमिल करने जैसा वक्तव्य दिया है।
अखबार में विज्ञप्ति निकाली थी
नागौर उपखंड अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्रों की पालना में हमने अखबार में विज्ञप्ति निकालकर लीजधारकों को मुटाम लगाने व उन पर स्वीकृत लीज क्षेत्र का क्षेत्रफल अंकित करवाने के लिए निर्देशित किया था। जहां तक 7 अप्रेल की कार्रवाई का सवाल है तो कार्रवाई की सूचना मिलने पर हमारे विभाग का फोरमैन मौके पर गया तथा उसने उपखंड अधिकारी को बताया कि सम्बन्धित व्यक्ति के पास वैध लीज है। हमारा इतना ही कहना है कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते समय हमारे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी साथ रखें, ताकि वैध लीजधारक के खिलाफ कार्रवाई न हो। यदि राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसी प्रकार का संदेह है तो हमारे विभाग के कर्मचारियों के फोन बंद करवा दें या फिर उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर ले जाएं।
- धीरज, खनिज अभियंता, खनिज विभाग, नागौर
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