नागौर

गनोड़ा हत्याकांड के सात आरोपियों को आजीवन कारावास

आनंदपाल सिंह गैंग के सात गुर्गों को आजीवन कारावास

नागौरJun 07, 2018 / 09:42 pm

Sandeep Pandey

jails in rajasthan, rajasthan jail, prisoners in rajasthan jail, Rajasthan jail prahari, Rajasthan Jail security, Jodhpur central jail, jodhpur news, jodhpur news in hindi

सुजानगढ़. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामपाल जाट ने गुरुवार को सात साल पुराने गनोड़ा हत्याकांड प्रकरण की सुनवाई करते हुए आनंदपाल सिंह गैंग के सात गुर्गों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच दो आरोपियों को अजमेर उच्च सुरक्षा कारागृह से तथा एक आरोपी को चूरू जेल से कोर्ट लाया गया। जबकि शेष जमानत पर चल रहे चार आरोपी कोर्ट में फैसला सुनने पेश हुए। निर्णय के बाद इन चारों आरोपियों को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। 29 जून 2011 को हुए हत्याकांड में आरोपियों ने गनोड़ा शराब ठेके पर सेल्समैन मूंदड़ा निवासी राकेश जाट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अतिरिक्त लोक अभियोजक कुम्भाराम आर्य ने बताया कि परावा के रामसिंह, छोटूसिंह, महावीरसिंह, सांवराद के मंजीत सिंह, लाडनूं के केडी चारण, पांडूराई के प्रतापसिंह, बिचावा खुनखुना के मोंटीसिंह उर्फ महिपाल को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। जबकि आनंदपाल सिंह, बलवीर बानूड़ा, रामधन फौजी की मृत्यु हो चुकी है। प्रकरण में नामजद 11वां आरोपी आनन्दपाल का भाई विक्की सिंह उर्फ रूपेंद्रपाल सिंह फरार होने के कारण उसकी सजा विचाराधीन रहेगी। सूत्रों के अनुसार 36 मौखिक साक्ष्यों, 63 दस्तावेजी साक्ष्यों, नौ वस्तु साक्ष्यों, एफएसएल व मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर एडीजे ने आजीवन कारावास व १० हजार रुपए अर्थ दंड तथा अन्य धारा में तीन वर्ष व 10 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड जमा नहीं कराने पर 6 -6 माह की अतिरिक्त सजा होगी। प्रकरण में रिपोर्ट कर्ता रामनारायण, तत्कालीन डीएसपी नितेश आर्य व हेमाराम चौधरी, एसओजी के सत्येंद्रकुमार, सीआई जगदीश बोहरा, एचसी बलवीसिंह के बयान हुए। बलवीर ने गुजरात से स्कॉर्पियो दुर्घटना में घायल आरोपियों को यहां लाकर भर्ती कराया तब घटनाक्रम को मजबूती मिलनी शुरू हुई। बहुचर्चित प्रकरण का फैसला होने के कारण अदालत परिसर के चारों तरफ सैकड़ों सुरक्षाकर्मी, ब्लैक कंमाडो, हथियार बंद सिपाही तैनात किए गए। डीएसपी सुखविंदरपाल सिंह ने बताया कि सुजानगढ़ थानाधिकारी दरजाराम, छापर थानाधिकारी रामनारायण चोयल सहित सालासर व बीदासर पुलिस थानों, चूरू से भी जाप्ता मंगवाया गया।
ये सामान रखें सुरक्षित
जज ने फैसले में कहा कि अभियुक्त जितनी अवधि इस मामले में पुलिस या जेल में रहे हैं। वह अवधि मूल सजा में समायोजित होगी। एडीजे ने लिखा कि मृतक राकेश के मारचेजात, खून व सादा टाईल टुकड़ी, गाड़ी की दो नम्बर प्लेट्स, पर्स व जेब की अन्य वस्तुओं को सुरक्षित रखा जाए। एडीजे ने मृतक राकेश के आश्रितों को पीडि़त प्रतिकर योजना में प्रतिकर दिलाने की अनुशंषा कर निर्णय की प्रति सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.