scriptछायादार पेड़ो-नर्सरी ने बदला गोगेलॉव कंजर्वेशन का रंग | Shady trees-nursery changed the color of Gogelov conservation | Patrika News

छायादार पेड़ो-नर्सरी ने बदला गोगेलॉव कंजर्वेशन का रंग

locationनागौरPublished: Jul 09, 2021 10:59:33 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. छायादार पेड़ो-नर्सरी ने बदला गोगेलॉव कंजर्वेशन का रंग-तीन से चार साल पहले उजाड़ नजर आने वाले वन क्षेत्र में अब नजर आने लगी हरियाली-पानी कमी के चलते पौधों को सूखने से बचाने में कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही
 

Shady trees-nursery changed the color of Gogelov conservation

Nagaur. Plants are growing in Gogelov Conservation Nursery

नागौर. शहर के निकटवर्ती गोगोलॉव स्थित कंजर्वेशन क्षेत्र अब हरा-भरा नजर आने लगा है। महज तीन से चार साल पूर्व यहां पर अकेले आने में लोगों को डर लगता था। अब ऐसा नहीं रहा, नीम आदि बड़े छायादार पेड़ों के साथ ही स्थापित हुई नर्सरी के पौधों ने पूरा वातावरण बदलकर रख दिया है। मुख्य गेट से कंजर्वेशन क्षेत्र में फैलते ही अब सीधा स्वागत हरियाली से होता है। आगे बढऩे पर वनकर्मी काम करते हुए मिल जाते हैं। पानी की अत्याधिक कमी के बीच भी यहां पर वनकर्मियों की टीम ने यहां पर 50 हजार से ज्यादा पौधों को तैयार करने में खासी मशक्कत करनी है। तैयार हुए पौधों का वितरण भी किया जाने लगा है।वन विभाग की ओर से स्थापित यहां की नर्सरी में शीशम, करंज, अमलतास, जामुन, बिल्वपत्र, वकायन, केसिया श्यामा, रोहिणा, बेर, कनेर, अनार एवं गुलमोहर आदि की पौध पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। तैयार हुए पौधों में से तीस प्रतिशत से ज्यादा अब तक वितरित हो चुके हैं। विभागी जानकारी के अनुसार नर्सरी की पौध को पानी की कमी के चलते हरा-भरा बनाए रखना वनकर्मियों के लिए चुनौती बन चुका है। कारण जलदाय विभाग की ओर से कनेक्शन मिलने के बाद अपर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति होने से से इनके सूखने का खतरा भी मंडराने लगा। बताते हैं कि आपूर्ति होने वाला पानी माह में महज पंद्रह ही दिन ही मिल पाता है। वो भी काफी कम मात्रा में। ऐसे में पौधों को सूखने की स्थिति में आते देखकर टैंकर से नर्सरी की पौध को बचाए रखने के काम मे विभाग की ओर से यहां पर तैनात कैटल गार्ड मनोहरसिंह राठौड़, कैटल गार्ड भंवराराम कस्वां, फारेस्टर प्रभुराम की टीम कठिन मेहनत करनी पड़ रही है। हालांकि पानी एवं विकट गर्मी के बीच कई बार पौधों की जड़ कमजोर होने लगती है, इनका कहना है…नर्सरी के लिए पानी की आपूर्ति होती तो है, लेकिन सुव्यवस्थित तरीके से नहीं हो पा रही है। इसके बाद भी कंजर्वेशन क्षेत्र को हरियाली के रंग में बदलने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।ज्ञानचंद मकवाना, उपवन संरक्षक नागौर

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