पिछले कई दिनों से क्षेत्र में स्वच्छंद विचरण करने के बावजूद मंगलवार को पहली बार पैंथर द्वारा शिकार किए श्वान के अवशेष वन विभाग की टीम को नजर आए। जिससे पैंथर के रातभर इसी क्षेत्र में होने की बात पुख्ता हो गई।
शाम के समय पानी पीकर निकला
शाम के समय पानी पीकर निकला
मंगलवार शाम खनन क्षेत्र में एक जगह नाडी में पैंथर के पानी पीकर निकलने के जाता पगमार्क मिले। जिससे वन विभाग की टीमों ने उसी क्षेत्र में तलाश को और तेज कर दिया। वन विभाग के नागौर रेंजर टीकूराम गुणपाल ने बताया कि पैंथर के ताजा पगमार्क पातेली क्षेत्र स्थित चौधरी माइंस के पास मिले हैं, उसके बाद तलाश तेज कर दी गई है।
विचरण क्षेत्र में लगाए तीन पिंजरे
विचरण क्षेत्र में लगाए तीन पिंजरे
वन विभाग द्वारा पगमार्क के आधार पर की जा रही तलाश में पिछले दो दिन से पैंथर के पातेली, जुंजाला, रूपाथल व खेड़ा नारनोलिया के खनन क्षेत्र में इधर-उधर घूमना सामने आया है। उसके बाद विभाग ने इस क्षेत्र में तीन पिंजरे पैंथर को पकडऩे के लिए लगाए हैं। तीनों रास्तों पर पिंजरे लगाने से पैंथर इनमें कैद हो सकता है।
आज रात हो सकती है निर्णायक तलाश
आज रात हो सकती है निर्णायक तलाश
मंगलवार शाम पैंथर के माइनिंग क्षेत्र में ताजा पगमार्क मिलने व इस क्षेत्र में तीन पिंजरे लगाने से मंगलवार की रात में पैंथर की निर्णायक तलाश हो सकती है। शाम के समय ताजा पगमार्क मिलने से वन विभाग की पूरी 40 आदमियों की टीम उसी नाडी को केंद्र बनाकर सघन तलाश में जुट गई है। वहीं दिन के समय छुपे रहने व रात के समय ही पैंथर के मूव करने से पगमार्क के आधार पर तलाश पूरी भी हो सकती है।
इनका कहना है
इनका कहना है
पातेली, जुंजाला व रूपाथल क्षेत्र में मंगलवार को पैंथर की सघन तलाश की गई। कुचेरा के बीहड़ क्षेत्र में भी तलाश की, पर उधर अभी तक पगमार्क नहीं मिले हैं। उसके विचरण क्षेत्र में तीन पिंजरे भी लगाए गए हैं ताकि इधर आए तो वह उनमें कैद हो सके। वहीं क्षेत्र में गहरी खानें होने के कारण सर्च में थोड़ी रुकावट आ रही है। वह उनमें छुपकर बैठ सकता है। हिंसक जानवर का रेस्क्यू धीमा चल सकता है। क्षेत्रवासियों को धैर्य से काम लेना है साथ ही सावधानी बरतते हुए उसके नजर आते ही सूचना देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि शीघ्र ही रेस्क्यू कर लिया जा सके।
मोहित गुप्ता, आईएफ एस- डीएफ ओ नागौर
मोहित गुप्ता, आईएफ एस- डीएफ ओ नागौर