scriptपानी पीकर पेट भरने चली भेड़ें | Patrika News
नागौर

पानी पीकर पेट भरने चली भेड़ें

5 Photos
1 year ago
1/5

नागौर. जिला मुख्यालय के उत्तरी दिशा में स्थित गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसान खरीफ की फसल लेने के बाद खेतों को अब खुला छोड़ रहे हैं, जहां गायों के साथ भेड़-बकरियों को भी पेट भरने के लिए चारा मिल रहा है।

2/5

सर्दी का मौसम शुरू होने से सुबह-सुबह पशुपालक रेवड़ खेतों में चराने ले जाते हैं और धूप खिलने पर आसपास के नाडी-तालाब में पानी पिलाते हैं।

3/5

शहर के निकट बालवा गांव की सरहद से लिया गया एक रेवड़ का फोटो, जिसमें भेड़ें दोपहर में प्यास बुझाने के बाद वापस खेतों के लिए रवाना हो रही हैं।

4/5

फिर जाएंगे परदेश... पशुपालकों ने बताया कि जितने दिन भेड़ों का यहां पेट भरेगा, उतने दिन यहां हैं। लेकिन जब खेतों में खाने के लिए नहीं बचेगा तो वे भेड़ों को लेकर दक्षिणी राजस्थान की तरफ चले जाएंगे। वहां नदियों व नहरों के चलते हरवक्त हरियाली रहती है और भेड़ों को चरने के लिए हरी घास व चारा मिल जाता है।

5/5

समय के साथ चारागाह कम होने से जिले में भेड़ों की संख्या भी वर्ष-दर-वर्ष कम हो रही है। जिले में वर्ष 2007 की पशुगणना में जहां 7.95 लाख भेड़ वंश था, वहां वर्ष 2012 में 5.85 लाख तथा 4.46 लाख रह गया। फोटो: चन्द्रशेखर वर्मा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.