इस माह 11 सर्वार्थ सिद्धि, तीन अमृत सिद्धि व 12 दिन रवियोग रहेंगे। इन शुभ योगों में की गई भगवान शिव की पूजा से विशेष फल मिलता है। शिव अभिषेक से आयु, धन व स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। सावन में श्रद्धालु माहभर तक शिव आराधना करते हैं। सुबह से ही अभिषेक और अन्य आयोजनों की धूम मची रहती है।
इस बार सावन में पांच सोमवार रहेंगे, जिसमें से तीन सोमवार कृष्णपक्ष में एवं दो शुक्लपक्ष में होंगे। धर्म ग्रंथों के अनुसार सावन माह में हर सोमवार को व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं एवं बीमारियों से भी निजात मिल जाती है। सावन सोमवार से ही सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत की जाती है।
शिवालयों के पट बंद, घरों में आराधना
कारोना महामारी के कारण इस बार सावन की आराधना भी कुछ बदली सी रहेगी। मंदिरों के पट होने से श्रद्धालु घरों में रहते हुए ही साधना करेंगे। हर बार की तरह सार्वजनिक रूप से कथा, कांवड़ यात्रा, सामूहिक जलाभिषेक जैसे कार्यक्रम भी नहीं हो पाएंगे। कोविड-19 अनलॉक प्रक्रिया के तहत जारी गाइड लाइन के अनुसार धार्मिक आयोजनों पर लगी रोक 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है। इस दिन तक सावन के 26 दिन बीत जाएंगे। इसके बाद भी रोक हटेगी या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है।
इस बार सावन मास में कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस बार पांच सोमवार है एवं सिद्धि योगों के बीच शिव की साधना अन्नत फल प्रदान करने वाली है। घर में रहते हुए शिव की उपासना करनी है और कोई मंत्र नहीं आ रहा है तो भी कोई मुश्किल नहीं है। भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए ओम नम:शिवाय का पंचाक्षर मंत्र ही काफी है।
– पं.सुनील दाधीच, ज्योतिषी व आचार्य, नागौर