रालोपा नेता रेवंतराम डांगा, पूर्व सरपंच रामसिंह सोलंकी, दिनेश देवड़ा, प्रेमसुख जाजड़ा, बजरंग लाल शर्मा आदि के नेतृत्व में कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि मानासर रेलवे फाटक पिछले काफी दिन से बंद है। पहले कहा था कि रेलवे फाटक 72 दिन के लिए बंद रहेगी, लेकिन लगभग पांच महीने हो जाने के बाद भी काम अधूरा पड़ा है, जिसे को देखते हुए आगामी दिनों में फाटक खुलने की संभावना नहीं दिख रही है।
मानासर रेलवे फाटक बंद होने से ग्रामवासियों और आसपास की बड़ी-बड़ी कॉलोनी वालों व स्कूल जाने वाले बच्चों को भी परेशानी हो रही है।शहरवासियों ने कहा कि यदि काम में देरी हो रही है तो फिलहाल फाटक खुलवाई जाए और जब काम शुरू हो, उस समय वापस कुछ समय के लिए बंद करवा सकते हैं। बिना कोई कार्य के फाटक बंद रहने से जन जीवन और आमजन के आवागमन पर काफी प्रभाव पड़ा है। मानासर फाटक के दोनों साइड काफी बड़ा बाजार है, जिसकी सारी दुकानें बंद होने के कगार पर हैं।
70 दिन का बोला था, आज पांच महीने हो गए
मानासर फाटक पर बन रहे आरओबी के लिए बंद की गई फाटक 70 दिन की बजाए पांच महीने बाद भी नहीं खुली है। इससे पूरा धंधा चौपट हो रहा है। यह जोधपुर जाने का मुख्य रास्ता है, लेकिन बंद होने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। ठेकेदार को रेलवे लाइन वाला काम पहले करना चाहिए, लेकिन उसके स्थान पर दूसरा काम कर रहा है।
मानासर फाटक पर बन रहे आरओबी के लिए बंद की गई फाटक 70 दिन की बजाए पांच महीने बाद भी नहीं खुली है। इससे पूरा धंधा चौपट हो रहा है। यह जोधपुर जाने का मुख्य रास्ता है, लेकिन बंद होने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। ठेकेदार को रेलवे लाइन वाला काम पहले करना चाहिए, लेकिन उसके स्थान पर दूसरा काम कर रहा है।
– रामसिंह सोलंकी, पूर्व सरपंच दुकान इधर, घर उधर
मानासर क्षेत्र में 88 दुकानें खाली हैं, इनमें से 40 दुकानें बेचने को तैयार हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं है, इसकी वजह केवल आरओबी का निर्माण धीमा होना है। मेरी िस्थति यह है कि मेरी दुकान इधर है और घर फाटक के उधर, मुझे 50 मीटर की दूरी के लिए चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। व्यापार की बात करें तो 100 प्रतिशत से अब 5 से 7 प्रतिशत रह गया है।
मानासर क्षेत्र में 88 दुकानें खाली हैं, इनमें से 40 दुकानें बेचने को तैयार हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं है, इसकी वजह केवल आरओबी का निर्माण धीमा होना है। मेरी िस्थति यह है कि मेरी दुकान इधर है और घर फाटक के उधर, मुझे 50 मीटर की दूरी के लिए चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। व्यापार की बात करें तो 100 प्रतिशत से अब 5 से 7 प्रतिशत रह गया है।
– दिनेश सैनी, दुकानदार, मानासर पूरा शहर परेशान
मानासर फाटक पर निर्माणाधीन आरओबी का काम धीमी गति से चल रहा है, जिसके कारण पिछले पांच साल पूरा शहर परेशान है। मानासर क्षेत्र में तीन-चार सरकारी कार्यालय व दो-तीन कॉलोनियां हैं, जहां हजारों परिवार रहते हैं। पिछले पांच महीने से रेलवे फाटक बंद होने से लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है। बासनी पुलिया से जाने में लोगाें को चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। आरओबी निर्माण के कारण फाटक के पास दुकानदारी करने वाले लोगों का धंधा बंद-सा हो गया है। इसी समस्या को लेकर आज जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया है। उम्मीद है प्रशासन सकारात्मक कार्रवाई कर लोगों को राहत देगा।
मानासर फाटक पर निर्माणाधीन आरओबी का काम धीमी गति से चल रहा है, जिसके कारण पिछले पांच साल पूरा शहर परेशान है। मानासर क्षेत्र में तीन-चार सरकारी कार्यालय व दो-तीन कॉलोनियां हैं, जहां हजारों परिवार रहते हैं। पिछले पांच महीने से रेलवे फाटक बंद होने से लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है। बासनी पुलिया से जाने में लोगाें को चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। आरओबी निर्माण के कारण फाटक के पास दुकानदारी करने वाले लोगों का धंधा बंद-सा हो गया है। इसी समस्या को लेकर आज जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया है। उम्मीद है प्रशासन सकारात्मक कार्रवाई कर लोगों को राहत देगा।
– रेवंतराम डांगा, आरएलपी नेता