ग्रामीणों ने बताया कि तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की बजाए केवल नोटिस देकर काम चला रहे हैं। अतिक्रमणकारियों के हौंसले प्रशासन की कार्यशैली को देखकर बुलंद हो रहे हैं। ज्ञापन में सरंपच भैराराम जाजड़ा ने बताया कि गांव के खसरा नम्बर 92, 100 व 190 पिछले काफी दिनों से अतिक्रमियों द्वारा बंद करने से किसानों को अपने खेतों में कृषि कार्य करने के लिए जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमियों से काफी बार समझाइश के प्रयास किए थे, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि गत 30 जुलाई को तहसीलदार ने टीम गठित कर रास्ते का माप करने के लिए आदेश दिया था। जब पटवारी व आरआई मौके पर माप करने पहुंचे तो डूंगरसिंह, हेमाराम, शेराराम, उदाराम, चेनाराम, लिखमाराम, दलाराम आदि अतिक्रमियों ने एक राय रास्ते का माप नहीं करने दिया तथा गाली-गलौच की । ग्रामीणों ने अतिक्रमियों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रास्ता खुलवाने की मांग की है। इस दौरान लक्ष्मणराम, बाबूराम, जेठाराम, ताजुराम, तिलाराम, गोपाराम, करनाराम, गोविन्दराम, नारायणराम सहित अनेक लोगों ने जिला कलक्टर से शीघ्र अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिला कलक्टर ने आचीणा से हेसाबा मार्ग पर हुए अतिक्रमण को लेकर तहसीलदार को जांच कर शीघ्र कार्यवाही करने के आदेश तीन सप्ताह पहले दिए थे, लेकिन अब तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है। इधर तहसीलदार ने 28 मई को भू अभिलेख निरीक्षक को निर्देश देकर रास्ते पर हुए अतिक्रमण को हटाकर बेदखली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
ग्रामीणों की फरियाद को लेकर गुरुवार को जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने तहसीलदार हनुमानराम चौधरी को तत्काल बुलाकर शीघ्र रास्ते का अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए।