जिले में नागौर, जायल, खींवसर, मेड़ता, रियांबड़ी, डेगाना, परबतसर, कुचामन, नावां, डीडवाना तथा लाडनूं उपखण्ड मुख्यालय पर दिव्यंागता प्रमाण पत्र विशेष शिविर आयोजित किए गए। सबसे पहले पांच अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर जेएलएन राजकीय अस्पताल में नागौर उपखण्ड क्षेत्र, डीडवाना के राजकीय बागड़ अस्पताल तथा कुचामन सिटी के राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में विशेष दिव्यांगता प्रमाण पत्र शिविर लगाया गया। नागौर जिला मुख्यालय पर लगाए गए शिविर में 98, डीडवाना में 173 तथा कुचामन सिटी में लगाए गए विशेष शिविर में 133 दिव्यंागजनों को दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी करने की अनुशंसा की गई।
पात्र आशार्थियों को दिव्यंागता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए तीसरे चरण में 13 अक्टूबर को जायल के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगाए गए विशेष शिविर में 307, रियांबड़ी के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगाए गए विशेष शिविर में 102 तथा परबतसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लगाए गए विशेष शिविर में 299 दिव्यांगजनों को दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी करने की अनुशंसा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की गई।
इसी प्रकार अंतिम यानी चैथे चरण में 16 अक्टूूबर को जिले के खींवसर ब्लॉक मुख्यालय के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगाए गए विशेष शिविर में 206, डेगाना पंचायत समिति परिसर में लगाए गए विशेष शिविर में 201 तथा मकराना ब्लॉक मुख्यालय पर लगाए गए विशेष शिविर में 275 लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दिव्यांगता प्रमाण जारी करने की अनुशंसा की गई। दिव्यंागता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लगाए गए इन विशेष शिविरों में नाक, कान व गला रोग, मनो रोग, अस्थि रोग तथा नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी। इन शिविरों के सफल संचालन में स्थानीय उपखण्ड अधिकारी, खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित सरकारी चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा प्रभारी तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ का योगदान रहा।