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तपस्या से आत्मा पवित्र हो जाती है

locationनागौरPublished: Oct 20, 2021 10:57:40 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. जयमल जैन पौषधशाला में नवपद ओली आराधना तप संपन्न

Spirit becomes pure by penance

Nagaur.. Shravak-Shravikas present in Jaimal Jain Nursery.

नागौर. जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में बुधवार को नव दिवसीय नवपद ओली आराधना हुई। इसमें अंतिम दिवस में 30 आराधकों ने आयंबिल एवं निवि तप की तपस्या की। गुरुवार को आयंबिल, निवि एवं ओली तप आराधकों का सामूहिक पारणा सुबह 8 बजे से बोहरावाड़ी स्थित उदयचंद ललवानी के निवास स्थान पर होगा। साध्वी .बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि तप से आत्मा पवित्र हो जाती है। अनादि काल से आत्मा पर लगे हुए कर्मों को विलग करने के लिए शरीर को तपस्या द्वारा तपाना जरूरी है। बिना कष्ट से लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती है। चंदन को जितना ज्यादा घिसा जाता है, वह उतना ही सुगंध देता है। सोने को तपाने पर ही चमक आती है, एवं चोट सहन करने पर ही पत्थर मूर्ति का रूप धारण कर पाता है। उसी प्रकार तपस्या के द्वारा आत्मा उज्जवल बनती है। नव दिन तक आयंबिल ओली आराधना करना इंद्रिय नियंत्रण करने की एक दुष्कर साधना है। इसे हर व्यक्ति आसानी से नहीं कर पाता है। तप करने वाले की अनुमोदना करने से स्वयं एक दिन तपस्वी बन जाते हैं।
शरद पूर्णिमा की बताई महत्ता
शरद पूर्णिमा की महत्ता समझाते हुए साध्वी ने कहा कि यह पावन पवित्र दिवस प्रेरणा देता है कि प्रकृति में होने वाले ऋतु परिवर्तन के साथ ही जीवन में भी परिवर्तन लाना चाहिए। चंद्रमा की शीतल एवं धवल चांदनी से सभी प्रमुदित हो जाते हैं और प्रकृति के कण-कण में ऊर्जा एवं शक्ति का संचार होता है। व्यक्ति को भी अपना स्वभाव पूर्णिमा के चांद के समान शीतल, सौम्य एवं निष्कलंक बनाना चाहिए। संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन की प्रभावना एवं प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी नेमीचंद, नरेश चौरडिय़ा थे। प्रार्थना में निकाले गए लक्की ड्रा के विजेताओं को उत्तमचंद कोठारी, खांगटा की ओर से पुरस्कृत किया गया। प्रवचन प्रश्नों के उत्तर विनीता पींचा, रेखा सुराणा, दिलीप पींचा एवं चंपालाल जांगिड़ ने दिए। ओली तप एवं पारणा का संपूर्ण लाभ भंवरलाल, पुखराज ने लिया। इस मौके पर राकेश बैद दुबराजपुर, नरेंद्र चौरडिय़ा, हरकचंद ललवानी, नरेश गुरासा आदि मौजूद मौजूद थे।

केन्द्रीय बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मियों ने ढोल बजाकर जताया विरोध
-राजस्थान रोडवे संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति के बैनरतले सेवानिवृत एवं कार्यकर्मियों ने 11 सूत्रीय मांगों को पूरी करने की मांग को लेकर बजाया ढोल
नागौर. राजस्थान रोडवेज के संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति के आह्वान पर सातवें वेतन आयोग, नई भर्ती एवं बकाया दिलाए जाने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में बुधवार को रोडवेज कर्मियों ने अनोखे अंदाज में ढोल बजाकर अपना विरोध जताया। केन्द्रीय बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मियों को ढोल बजाते देखकर यात्रियों में कौतूहल की स्थिति रही। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों का बकाया तो वर्ष 2016 से होने के साथ सरकार न तो नई भर्ती कर रही है, और न ही कर्मचारियों का अन्य विभागीय सुविधाएं मुहैया करा रही है। सातवां वेतन आयोग तो उन लोगों को आज तक नहीं मिला। जबकि पूर्ववर्ती एवं वर्तमान सरकार के समय में भी उच्च स्तर पर हुए समझौते के तहत अब तक 11 सूत्रीय मांगें पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन आज तक नहीं हुई। इस संबंध में कर्मचारियों की यूनियन की ओर से प्रदेश की राजधानी जयपुर सहित विभिन्न जिलों में चरणबद्ध तरीके से चल रहे आंदोलन के तहत विरोध जताकर मांगों को जल्द पूरा किए जाने का आग्रह किया गया था, लेकिन सरकार अनसुनी कर रही है। विडंबनापूर्ण स्थिति यह है कि राज्य सरका के कर्मचारी हो या, फिर केन्द्र सरकार के। इन सभी को इनके मद के अनुसार सरकारें भुगतान कर रही हैं, लेकिन रोडवेज कर्मियों के लिए भुगतान के लिए सरकार के पास तो बजट रहता है, और न ही इनकी परवाह रहती है। इससे सरकार की नीयत संदेह के घेरे में आ जाती है। इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष मेहराम फरड़ोदा, एटक यूनियन शाखा कार्यकारी अध्यक्ष शिवदानराम भांभू, इंटक के प्रदेश सचिव जगदीशराम इनाणियां, जगदीश डिडेल, सेाहनलाल बारुपाल, श्रवण सिंह चौधरी, हनुमानराम भाकल, ओमप्रकाश गहलोत, छोटूराम रिणवा आदि मौजूद थे।

 

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