पूरे प्रदेश में करना था लागू
अद्यतन तकनीक पर आधारित इस प्रोजेक्ट के तहत आर-एटीएम से राशन का गेहूं निकलते ही उस उपभोक्ता के मोबाइल पर तुरंत मैसेज भेजने की व्यवस्था जिसमें उनके खाते से निकाले गए गेहूं की जानकारी दी जानी थी। तत्कालीन जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम की पहल पर ई-गवर्नेस के तत्कालीन परियोजना प्रभारी जब्बार खान तथा रिसर्च एवं डवलपमेंट टीम द्वारा राशन एटीएम मशीन का निर्माण कार्य किया जाना था। यहां तक कि जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री बंशीधर बाजिया तथा प्रभारी सचिव संजय मल्होत्रा ने भी इस नवाचार को हरी झण्डी दे दी थी। नागौर जिले में इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल रहने पर प्रदेश के अन्य जिलों में इसे लागू किया जाना था।
स्थानीय भाषा में होती प्रोग्रामिंग
जिला प्रशासन ने काफी जद्दोजहद के बाद जिला मुख्यालय व निकटवर्ती बासनी गांव में राशन एटीएम लगाने की योजना बनाई थी लेकिन इसकी क्रियान्विति नहीं हो सकी। आर-एटीएम मशीन की प्रोग्रामिंग को स्थानीय भाषा में आम लोगों की सहूलियत के अनुसार बनाया जाना था ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उनकी भाषा में ही सूचना मिल सके। राशन लेने के बाद उपभोक्ता को आसानी से समझ में आ जाता कि उसे किस तरह इसका उपयोग करना है तथा उसके खाते में कितना गेहूं शेष रहा है। प्रारंभ में इस योजना में सिर्फ गेहूं का ही वितरण किया जाना था और इसकी सफलता के बाद अन्य उत्पादों को इसमें शामिल किया जाना था। हालांकि कहा जा रहा है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर इस प्रोजेक्ट को पूरे राज्य में लागू करने को लेकर विचार कर रही है। Nagaur news in Hindi
सरकार कर रही विचार
एटीएम से राशन देने का यह प्रोजेक्ट किन्हीं कारणों से नागौर में लागू नहीं हो पाया पर राज्य सरकार के स्तर पर इस प्रोजेक्ट को लेकर काम चल रहा है।
दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर