उपभोक्ताओं की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग भी टूट रही है। उज्जवला योजना के तहत तीन सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा के बाद गैस एजेंसियों पर कुछ ज्यादा ही भीड़ लग रही है, लेकिन इस समस्या से पार पाने का कोई तरीका नहीं ढूंढा जा रहा। कहीं मजबूरी तो कहीं बहानाआवश्यक सेवाओं में शामिल गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने का नियम है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। यही कारण है कि उपभोक्ता लॉक डाउन में भी बाहर आने को मजबूर है। कई लोग विवशता में बाहर आ रहे हैं तो कुछ को घूमने का बहाना मिल रहा है। ऐसे में लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के कायदे टूट रहे है।
… तो बंद हो सकता है बहाना बाइक पर सिलेंडर लाने के बहाने की आड़ लेते हुए कुछ युवा घर से बाहर निकल आते हैं। सिलेंडर साथ देखकर रास्ते में खड़े पुलिसकर्मी भी इनको नहीं रोकते। ऐसे में कुछ गलियों का चक्कर काटकर ये युवा वापस लौट आते हैं। गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने की व्यवस्था हो तो बाइक पर सिलेंडर लाने के बहाने बाहर घूमना बंद हो सकता है।
इसलिए भी बढ़ रही संख्या राहत के लिए तीन सिलेंडर मुफ्त में मिलने की घोषणा के बाद उज्जवला योजना के वे उपभोक्ता भी अपना सिलेंडर लेकर बाहर निकल रहे हैं, जिन्होंने अर्से से रिफिल नहीं करवाया है। इनमें से अधिकतर उपभोक्ताओं के पास एक ही सिलेंडर है, जो खत्म होने के बाद ही रिफिल करवा सकते हैं। इसके लिए एजेंसी या गोदाम तक जाना पड़ रहा है। सिलेंडर रिफिल होने तक ये उपभोक्ता ईंधन के लिए परम्परागत साधनों का ही उपयोग कर रहे हैं।
भीड़ नहीं लग रही… गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने के आदेश है। किसी एजेंसी पर भीड़ नहीं लग रही। कतार लग रही है तो पुलिस को कॉल कीजिए, भीड़ हटा देंगे। – पार्थ सारथी, जिला रसद अधिकारी, नागौर